बांग्लादेश हिंसा: शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यकों पर बढ़े हमले, CDPHR की रिपोर्ट ने खोली मोहम्मद यूनुस सरकार की पोल
- बांग्लादेश के मौजूदा हालातों पर आई सीडीपीएचआर की रिपोर्ट
- मोहम्मद यूनुस सरकार के दावों की खोली पोल
- चरमपंथियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की कही बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपने जिन कारनामों को बांग्लादेश की यूनुस सरकार छिपा रही थी, वो मानवाधिकार संगठन ‘सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लूरेलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स’ (सीडीपीएचआर) की रिपोर्ट में सामने आए हैं। रिपोर्ट में अगस्त में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद अल्पसंख्यकों की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है।
16 मंदिरों को किया गया अपवित्र
‘बांग्लादेश माइनॉरिटीज अंडर सीज: ए वेक-अप कॉल फॉर द इंटरनेशनल कम्युनिटी’ टाइटल वाली इस रिपोर्ट में देश में सियासी बदलावों के तहत हिंदू समुदाय को प्रभावित करने वाली हिंसा और अशांति की घटनाओं का विवरण दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना के इस्तीफे के बाद 5 से 9 अगस्त के बीच लूटपाट के 190 मामले, 32 घरों में आग लगा दी गई, 16 मंदिरों को अपवित्र किया गया और यौन हिंसा की दो घटनाएं दर्ज की गईं।
लगातार खराब हुई अल्पसंख्यकों की स्थिति
रिपोर्ट में कहा गया कि 20 अगस्त तक सामने आईं घटनाओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। जिसमें हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के कुल 2,010, मंदिरों को अपवित्र करने के 69 और 157 परिवारों पर हमलों करने के मामले शामिल हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बावजूद भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की स्थिति लगातार खराब हुई है।
चरमपंथी समूहों के खिलाफ एक्शन लेने की कही बात
रिपोर्ट में अत्याचारों की जांच के लिए यूएन के समर्थन से आयोग की स्थापना, शांति सेना की तैनाती और हिंसा के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ लक्षित प्रतिबंधों की मांग की गई है। रिपोर्ट में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने, अल्पसंख्यक अधिकारों को बहाल करने और चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की गई है। इसमें यह भी अनुशंसा की गई है कि पश्चिमी देशों और भारत समेत अंतरराष्ट्रीय निकाय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और आर्थिक दबाव लागू करें।
Created On :   13 Dec 2024 11:34 PM IST