बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हिंसा: सुरक्षित देश वापस लौटे करीब 1000 भारतीय छात्र, हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत

सुरक्षित देश वापस लौटे करीब 1000 भारतीय छात्र, हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत
  • बांग्लादेश हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत
  • सुरक्षित देश वापस लौटे करीब 1000 भारतीय छात्र
  • बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हिंसा जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा जारी है। जिसके चलते कई लोगों की मौत हो गई है। साथ ही, कई लोग घायल भी हुए हैं। शनिवार को हिंसा को देखते हुए पुलिस ने देश में कठोर कफ्यू लागू कर दिया। सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की। देश में हिंसा में मृतकों की संख्या स्पष्ट नहीं की है। डेली प्रथम आलो समाचार के मुताबिक, मंगलवार से अब तक 115 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच शनिवार भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश से 778 भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस देश लौट आए हैं। इस तरह अब तक देश लौटने वाले भारतीय छात्रों की कुल संख्या 998 हो गई है।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ढाका में भारतीय उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 4,000 से अधिक छात्रों से लगातार संपर्क में हैं। साथ ही, उन्हें आवश्यक सहायता मुहैया कराई जा रही है। ढाका में भारतीय उच्चायोग चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में स्थित सहायक उच्च आयोगों से संपर्क बनाए हुए हैं। बांग्लादेश में फैली हिंसा के बाद फिर से शांति बहाल करने की पूरी सहायता दी जा रही है।

बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था

एक रिपोर्ट के अनुसार, 170 मिलियन की आबादी वाले देश में लगभग 32 मिलियन युवा बेरोजगार हैं। इनमें कई शिक्षा से वंचित लोग भी शामिल हैं। वहीं वर्तमान आरक्षण सिस्टम के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं, जिनमें से 30 प्रतिशत 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10 प्रतिशत महिलाओं, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यक समूहों और 1 प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं।

इस व्यवस्था के खिलाफ छात्र

बांग्लादेश के छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ हैं और वे योग्यता आधारित व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए प्रदर्शन किया, यह इतना उग्र हो गया है कि, इसमें मरने वालों की संख्या 105 तक जा पहुंची है। वहीं अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों के हाथ झड़प में जख्मी हुए हैं।

विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए सेना तैनात

बीबीसी बांग्ला ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव के हवाले से बताया था कि बांग्लादेश सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगाने और सरकारी नौकरी में कोटा के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए सेना तैनात करने का फैसला किया है। वहीं इस मामले में भारत ने बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा है कि, पड़ोसी देश में रह रहे 15000 भारतीय सुरक्षित हैं, जिनमें 8500 के करीब छात्र हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, विदेश मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। वहीं शुक्रवार रात तक 245 भारतीय बांग्लादेश से लौट आए हैं, जिनमें 125 छात्र शामिल हैं।

Created On :   20 July 2024 8:12 PM IST

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