Death: अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन, कुछ दिन पहले हुई थी ब्रेन सर्जरी
- 60 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
- अर्जेंटीना के फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना का निधन
- कुछ दिन पहले कराई थी ब्रेन सर्जरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अर्जेंटीना के फुटबॉल दिग्गज डिएगो माराडोना का 60 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। तीन हफ्ते पहले ब्रेन में क्वॉट की वजह से उनकी सर्जरी हुई थी। बता दें कि ब्यूनस आयर्स के बाहरी इलाके में 30 अक्टूबर 1960 में पैदा हुए माराडोना ने 1976 में अपने शहर के क्लब अर्जेटीनोस जूनियर्स के लिए सीनियर फुटबाल में पदार्पण किया था। इसके बाद वह यूरोप चले गए जहां उन्होंने स्पेन के दिग्गज क्लब बार्सिलोना के साथ पेशेवर फुटबाल खेली। अर्जेंटीना को 1986 फुटबॉल वर्ल्ड कप जितवाने में माराडोना ने अहम भूमिका निभाई थी। इस टूर्नामेंट में उनका वर्ल्ड फेमस गोल भी शामिल है, जिसे "हैंड ऑफ गॉड" के नाम से जाना जाता है। इसी गोल की मदद से अर्जेंटीना ने इंग्लैंड को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ट्वीट कर कहा, "मेरे हीरो नहीं रहे। मैंने आपके लिए फुटबॉल देखा।"
मैराडोना का करियर
अर्जेंटीना से खेलते हुए मैराडोना ने इंटरनेशनल करियर में 91 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 34 गोल किए। उन्होंने 4 FIFA वर्ल्ड कप टूर्नामेंटों खेला, जिसमें 1986 का विश्व कप शामिल था। 1986 वर्ल्ड कप में वे अर्जेंटीना के कैप्टन भी थे। वे टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए गए थे। उन्हें गोल्डन बॉल अवॉर्ड जीता था। मैराडोना को फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने एक बार वर्ल्ड कप गोल्डन बॉल, एक बार बेलोन डी ओर, 2 बार साउथ अमेरिकन फुटबॉलर ऑफ द ईयर, 6 बार नेशनल लीग टॉप स्कोरर अवॉर्ड जीता है। साल 2018 में डिएगो माराडोना के 58वें जन्मदिन का जश्न मनाते हुए उनकी पहली कांसे की प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
माराडोना ड्रग्स और अल्कोहल की लत के शिकार थे
बता दें कि माराडोना ड्रग्स और अल्कोहल की लत के भी शिकार थे। माराडोना ने 1980 के दशक के मध्य में कोकीन लेना शुरू किया था। उन्हें अगले दो दशकों में ड्रग्स और अल्कोहल की लत लग गई। 1982 में उन्होंने नशीली दवाओं का उपयोग करना शुरू किया और 1984 में स्थिति और भी खराब हो गई जब वे नेपोली चले गए और कॉमर्रा के साथ उनके कनेक्शन थे। 2014 में, माराडोना ने अपने ड्रग उपयोग के बारे में कहा: "मैंने अपने विरोधियों को एक बड़ा फायदा दिया। क्या आप जानते हैं कि अगर मैं ड्रग्स नहीं लेता तो मैं कैसा खिलाड़ी हो सकता था?" उन्हें पहली बार 1991 में कोकीन का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद 15 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया था। इसी साल उन्हें ब्यूनस एयर्स में आधा किलो कोकीन रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें 14 महीने के निलंबन की सजा दी गई।
1994 में माराडोना एक बार फिर सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अर्जेंटीना की नेशनल टीम के लिए खेलते हुए ग्रीस के खिलाफ एक गोल दागा था और कैमरे के लेंस के बिल्कुल करीब जाकर इसका जश्न मनाया था। हालांकि एक प्रतिबंधित पदार्थ एफेड्रिन के पांच वेरिएंट के पॉजिटिव टेस्ट के बाद उनपर 15 महीने का प्रतिबंध लगा दिया जिसने उनके इंटरनेशनल करियर को खत्म कर दिया। 1995 में, वह बोका जूनियर्स में चले गए लेकिन दो साल बाद वह छह साल में तीसरी बार ड्रग्स टेस्ट में फेल रहे, जिससे उनके प्लेइंग करियर को खत्म किया। 1996 में, माराडोना ने सार्वजनिक रूप से कहा: "मैं था, हूं और हमेशा एक ड्रग एडिक्ट रहूंगा।"
2000 में माराडोना को ओवरडोज का सामना करना पड़ा। उन्होंने इतनी ज्यादा कोकीन ले ली थी कि उनका हार्ट फेल हो सकता था और उनकी जान जा सकती थी। इसके बाद कई साल तक रिहैबिलिटेशन में रहे थे। 2004 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। एक साल बाद, उन्हें गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी कराना पड़ी। 2007 में हेपेटाइटिस से पीड़ित होने के बाद फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने ड्रग्स लेना बंद कर दिया। 2017 में उन्होंने एक पत्रकार को बताया था कि उन्होंने 13 साल से ड्रग्स नहीं लिया था और बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। हालांकि 2004 से वह शराब का सेवन कर रहे थे। 2018 में अर्जेंटीना के कई मैचों में उन्होंने अपनी विचित्र हरकतों के लिए काफी सुर्खियां बटोरी।
Created On :   25 Nov 2020 10:24 PM IST