फैक्ट चेक: विशाल शार्क की ये तस्वीर असली नहीं बल्कि एआई की मदद से की गई जनरेट, कहीं आप भी तो नहीं खा गए धोखा?

विशाल शार्क की ये तस्वीर असली नहीं बल्कि एआई की मदद से की गई जनरेट, कहीं आप भी तो नहीं खा गए धोखा?
  • शार्क की तस्वीर वायरल
  • AI फोटो को असली समझ कर लोग कर रहे शेयर
  • रिवर्स सर्च में पता चली सच्चाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल रही है जिसमें एक बड़ी सी शार्क को देखा जा सकता है। फोटो में कई लोग हैं जो शार्क को घेर कर खड़े हुए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स वायरल हो रही तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर 20वीं सदी के शुरुआत में ली गई थी। जहां लोग बड़ी सी शार्क के आस-पास खड़े हुए हैं। आपको बता दें कि, इसमें कोई सच्चाई नहीं है। यह तस्वीर एआई की मदद से बनाई गई है।

क्या हो रहा है वायरल?

'Solanki Pradeep' नामक फेसबुक यूजर ने 29 दिसंबर को वायरल हो रहा पोस्ट अपने अकाउंट पर शेयर कर लिखा- मेगालोडन जीवित है! 20वीं सदी की शुरुआत में, सीस्टर्म जहाज़ पर सवार जर्मन मछुआरों ने उत्तरी सागर में एक असाधारण खोज की: एक जीवित मेगालोडन शार्क, ऐसा जीव जिसके बारे में माना जाता है कि वह लाखों सालों से विलुप्त हो चुका है। जैसे ही उनकी नाव पर विशाल छाया छाई, मछुआरों को एक जबरदस्त चुनौती का सामना करना पड़ा।

यूजर ने आगे लिखा- अस्थायी हार्पून और मजबूत रस्सियों का उपयोग करते हुए, उन्होंने प्राचीन विशालकाय जानवर के खिलाफ़ भीषण लड़ाई लड़ी। तमाम बाधाओं के बावजूद, वे मेगालोडन को वश में करने और उसे वापस बंदरगाह तक ले जाने में कामयाब रहे, जहां इसकी कहानी जंगल की आग की तरह फैल गई। वैज्ञानिक समुदाय, जो शुरू में संदेहास्पद था, जीवित जीवाश्म को देखकर चकित रह गया। सीस्टर्म के चालक दल, जो कभी सिर्फ़ साधारण मछुआरे थे, स्थानीय किंवदंतियां बन गए। विस्मयकारी मेगालोडन को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी, और मछुआरों ने प्रसिद्धि और धन अर्जित किया। प्रागैतिहासिक विशालकाय के साथ इसकी मुठभेड़ समय के साथ गूंजती रही, जो विशाल और रहस्यमय समुद्र के नीचे छिपे अप्रत्याशित चमत्कारों के प्रमाण के रूप में काम करती है।

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क्या है वायरल पोस्ट के पीछे की सच्चाई?

वायरल पोस्ट के पीछे की सच्चाई पता लगाने के लिए हमने सबसे पहले फोटो को गौर से देखा। तस्वीर में जितने भी लोग नजर आ रहे हैं उनमें से किसी के भी चेहरे की बनावट सही तरह से नहीं दिख रही है। ऐसे में इस पोस्ट के असली होने की संभावना कम हो जाती है। इसके बाद हमने एआई टूल की मदद ली। हमने एआई फोटो डिटेक्टर टूल इमेजिन पर तस्वीर को सर्च की। इस टूल के मुताबक, वायरल हो रही तस्वीर 99 फीसदी एआई की मदद की जनरेट की गई है।

हाइव मॉडरेशन एआई टूल के अनुसार, फोटो 96.7 परसेंट एआई जनरेटे है।

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Created On :   5 Jan 2025 5:38 PM IST

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