क्या जहांगीरपुरी का बदला था अलवर में मंदिर का ढहना, देखिए कितना झूठा निकला ये दावा

The news spread with a false claim that the destruction of the temple in Alwar was the revenge of Jahangirpuri
क्या जहांगीरपुरी का बदला था अलवर में मंदिर का ढहना, देखिए कितना झूठा निकला ये दावा
फर्जी खबर क्या जहांगीरपुरी का बदला था अलवर में मंदिर का ढहना, देखिए कितना झूठा निकला ये दावा

 डिजिटल डेस्क, भोपाल।  हाल ही में  दिल्ली के जहांगीरपुरी में धार्मिक हिंसा भड़की। इस के बाद नगर निगम ने अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए 20 अप्रैल को कई मकानों और निर्माण पर बुलडोज़र चलवा गया। इसी बीच मस्जिद के दरवाजे को भी  बुलडोज़र से तोड़ा गया। इस कार्रवाई की सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी निन्दा की है। इस सबके बाद राजस्थान के अलवर में मंदिरों के टूटने का वीडियो सोशल मीडिया और  मेनस्ट्रीम मीडिया में इस ऐंगल से लोगों को दिखाया गया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट तोड़ने का बदला मंदिर को बुलडोज़र चला कर लिया है। 
कई मेनस्ट्रीम मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के अलवर ज़िले में मास्टर प्लान के तहत निर्माण में आ रही रुकावटों को हटाया गया, जिसमें मंदिर भी शामिल था। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि, राजगढ़ नगर पालिका में BJP का बोर्ड है। तो मंदिर को भाजपा के कहने पर ही तोड़ा गया। जिससे कांग्रेस को बदनाम किया जा सके। वहीं इस बात को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि बोर्ड ने कभी भी मंदिर तोड़ने का फैसला नहीं लिया बल्कि यह सब प्रशासन द्वारा किया गया है।
भाजपा राजस्थान ने अपने ट्वीट किया कि “जिस वक्त जहांगीरपुरी में अतिक्रमण पर बुलडोजर चल था उसी वक़्त राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने अलवर में 300 साल पुराने शिवालय पर बुलडोजर चलवा दिया । पर बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। 

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सच्चाई 
अलवर में मंदिर के टूटने का वीडियो को जहांगीरपुरी का बदला बताकर शेयर किया जा रहा था। इस मामले पर जब गूगल पर कुछ की-वर्ड्स सर्च किए तो हमें 22 अप्रैल का एक आर्टिकल मिला। इस में आर्टिकल बताया गया है कि अलवर ज़िला प्रशासन मे अतिक्रमण को 17 और 18 अप्रैल को ही हटा दिया गया था। वहीं हमें 17 अप्रैल का एक ट्वीट भी मिला जिसके मुताबिक, अलवर ज़िले के राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत मकानों और दुकानों पर कारवाई की गई थी। मतलब की मंदिर तोड़ने को जहांगीरपुरी में हुई घटना से पहले ही तोड़ दिया गया था।

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कुल मिलाकर, जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट टूटने के बाद बदले की भावना से राजस्थान के अलवर में मंदिर को तोड़े जाने की बात बिलकुल गलत है। कई मेनस्ट्रीम मीडिया चैनलों एक झूठी नैरेटिव गढ़ने की कोशिश की है। 
 


 

Created On :   27 April 2022 11:33 AM IST

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