कुरुक्षेत्र के गीता उपदेश स्थली को बताया पीर बाबे कि मजार, जानिए कितना - सच्चा कितना झूठा है ये दावा?

The claim that Pir Baba told the Gita preaching site of Kurukshetra that the tomb is false
कुरुक्षेत्र के गीता उपदेश स्थली को बताया पीर बाबे कि मजार, जानिए कितना - सच्चा कितना झूठा है ये दावा?
फर्जी खबर कुरुक्षेत्र के गीता उपदेश स्थली को बताया पीर बाबे कि मजार, जानिए कितना - सच्चा कितना झूठा है ये दावा?

 डिजिटल डेस्क,भोपाल। आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बताया जा रहा है कि ये हरियाणा के ज्योतिसर इलाके में  मौजूद ‘गीता उपदेश स्थली’ का है। वीडियो पिछले कुछ दिनों से काफी तेजी से वायरल है। इस वीडियो में एक युवक कह रहा है कि मुसलमानों ने इस जगह पर कब्जा कर लिया है। दरअसल, इस जगह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इसी स्थान पर अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। 
सोशल मिडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा उसमें एक मकबरा बना हुआ दिखा रहा है। साथ ही एक इंसान कह रहा है कि एक मजार है जिसे एक साजिश के तहत जानबूझकर हिंदूओं के पूजा के स्थान पर बनाया गया है। 

इस वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है, कि यहां पर एक मजार बनी हुई है। मजार पर नीले रंग की चादर चढ़ी हुई है। जिस पर ‘786’ और ‘जय पीर बाबे दी’ लिखा है। मजार पर ‘चांद-तारे’ भी बने हैं। वीडियो में जो युवक कह रहा है, कि, "देखो, यहां मुसलमानों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है। आप अगर सच्चे हिंदू हो तो वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए। ये कुरुक्षेत्र की पावन धरती है जहां पर गीता का उपदेश दिया था। 

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वीडियो की सच्चाई 

जब हमने इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए जांच पड़ताल की तो हमने गूगल मैप पर मौजूद गीता उपदेश स्थली कुरुक्षेत्र की तस्वीरों से वायरल वीडियो को मिलाया तो हमने पाया कि वीडियो यहीं का है। इस के बाद डिप्टी कमिश्नर मुकुल कुमार का एक बयान मिला कि गीता उपदेश स्थली में मजार बनाए जाने की बात बिल्कुल गलत है। साथ ही कमिश्नर ने बताया कि कम से कम यह 30 साल पुराना ढांचा है जिसे एक हिंदू परिवार के पूर्वजों ने बनवाया था। 

वहीं कुरुक्षेत्र के डीएसपी सुभाष चंद्र का वीडियो के बारे में कहना था, कि इस ढांचे से इस्लाम का कोई लेना-देना नहीं। उन्होंने बताया कि ये सारा भ्रम इसलिए फैला गया क्योंकि किसी शरारती तत्व ने गीता उपदेश स्थली परिसर में बने इस ढांचे पर ‘786’ और ‘जय पीर बाबे दी’ चादर चड़ा दी थी। 

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Created On :   17 May 2022 4:43 PM IST

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