भारतीयों के लिए रूस ने रोका युद्ध, जानें सोशल मीडिया पर वायरल दावे का सच

Russia stopped war for Indians, know the truth of viral claim on social media
भारतीयों के लिए रूस ने रोका युद्ध, जानें सोशल मीडिया पर वायरल दावे का सच
फर्जी खबर भारतीयों के लिए रूस ने रोका युद्ध, जानें सोशल मीडिया पर वायरल दावे का सच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते 3 मार्च को भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिये एक एडवाइज़री जारी की थी। इसमें भारतीय नागरिकों को तत्काल खार्कीव छोड़कर, शाम 6 बजे तक पेसोचीन, बाबेय और बेज़लुवडोवका पहुंचने का आग्रह किया था। इन सिफारिशों के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक नितिन ए गोखले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट कर कहा कि "रूस ने हमले से पहले सभी भारतीयों को 6 घंटों के अंदर खार्कीव छोड़ कर सुरक्षित रास्ते से निकलने की अनुमति देने की मंजूरी दे दी थी।"

इस ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद बीजेपी महाराष्ट्र के आधिकारिक अकाउंट से पीएम मोदी की तारीफें करता हुआ एक ट्वीट किया गया, जिसमें भी ये दावा था। कई जाने माने मीडिया आउटलेट्स जैसे एशियानेट न्यूज़, एबीपी न्यूज़, अमर उजाला, पत्रिका, पंजाब केसरी और न्यूज़18 ने भी इस खबर को कवर किया था। ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी ने भी अपने प्रोग्राम DNA में ऐसा दावा किया था। हालांकि मामले में जांच करने के पर हमें पता चला कि ये दावा गलत है। 

दावे के पीछे का सच
1. विदेश मंत्रालय की तरफ से किये गये एक प्रेस कांफ्रेंस में ये साफ शब्दों में कहा गया है कि, "भारत हर स्तर पर रूस के साथ संपर्क बनाये हुए है। हालांकि, भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिये रूस ने युद्ध नहीं रोका था।" 
2. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा,"मुझे नहीं पता कि सही नियम क्या हैं और  मैं और कुछ बता सकता हूं या नहीं। हमें ये विशेष इनपुट मिला है कि ये कुछ रास्ते हैं जो कि उपलब्ध है, जहां भारतीय नागरिकों को इस समय तक पहुंच जाना चाहिए। हमने अपने नागरिकों को बताया और मैं खुशी हूं कि है कि बहुत से लोग वहाँ पहुंच पाए। मगर ये कहना कि इस आवाजाही के लिये बमबारी रोकी गई, ये बिल्कुल गलत है।"
3. द हिंदू में डिप्लोमैटिक अफ़ेयर्स की संपादक सुहासिनी हैदर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर विदेश मंत्रालय के इस बयान को पोस्ट किया था। इसके बाद कई दूसरे पत्रकारों और मीडिया संस्थाओं ने इस दावे को गलत बताया। 
बता दें कि विदेश मंत्रालय के स्पष्टीकरण के बाद भी नितिन गोखले अपने दावे पर अड़े रहे और इस बात का सुदूत पेश करते रहे कि वो कैसे सही थे। 

निष्कर्ष
3 मार्च को भारतीय दूतावास ने जो एडवाइज़री जारी की थी उसमें कहीं भी ये नहीं है कि गोलाबारी को रोका जायेगा। उनमें सिर्फ भारतीय नागरिकों से बाहर जाने का आग्रह किया गया है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ये साफ कर दिया कि ये सारे दावे सरासर गलत हैं।  

Created On :   8 March 2022 5:08 PM IST

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