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Fake News: कांग्रेस नेता अमजात अली हथियारों के साथ गिरफ्तार, आतंकी हमले की थी तैयारी; जानें क्या है वायरल फोटो का सच
डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है। इस फोटो में एक शख्स पुलिस की हिरासत में दिखाई दे रहा है। वायरल फोटो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि, पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया शख्स असम कांग्रेस का नेता अमजात अली है। पुलिस ने अमजात के पास से हथियार और गोलियां बरामद की हैं, ये शख्स आतंकी हमले की तैयारी में था। इस दावे के साथ एक दूसरी फोटो भी शेयर की जा रही है। जिसमें सेब की पेटी के अंदर से बरामद किए गए बम दिखाई दे रहे हैं।
किसने किया शेयर?
कई ट्विटर और फेसबुक यूजर ने भी फोटो शेयर कर यही दावा किया है। एक यूजर ने ट्विटर पर फोटो शेयर कर लिखा, असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां के साथ हिरासत में लिए गए। हिंदुओं से भाईचारा निभाने का प्लान था बस पुलिस ने सब गड़बड़ कर दी।
असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां के साथ हिरासत में लिए गए।
— उमा शंकर राजपूत 6k (@UmaShankar2054) November 5, 2020
हिंदुओं से भाईचारा निभाने का प्लान था
बस पुलिस ने सब गड़बड़ कर दी। pic.twitter.com/9PyhPNy08l
क्या है सच?
भास्कर हिंदी की टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। इंटरनेट पर फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें 2 साल पुरानी एक खबर मिली। खबर के मुताबिक, फोटो में हाथ में हथकड़ी पहने दिख रहे शख्स का नाम मुबारक हुसैन है। मुबारक एक मदरसा टीचर है, जिसे नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता ने दुष्कर्म के बाद आत्महत्या कर ली थी। फोटो से जुड़ी जानकारी सही दी गई है या नहीं। इसकी पुष्टि के लिए हमने मामले से जुड़े अलग-अलग कीवर्ड गूगल पर सर्च कर मीडिया रिपोर्ट्स तलाशनी शुरू कीं। The Daily Star की वेबसाइट पर भी इस मामले से जुड़ी खबर 6 मई, 2018 को प्रकाशित की गई है।
साफ है कि गिरफ्तार हुआ शख्स कांग्रेस नेता अमजात अली नहीं, बांग्लादेश का मदरसा टीचर मुबारक है। फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पड़ताल के अगले चरण में हमने उस दूसरी फोटो की सत्यता जांचनी शुरू की जिसमें सेब की पेटी से जब्त किए गए बम दिख रहे हैं। फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें जम्मू कश्मीर पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किया गया 2 साल पुराना ट्वीट मिला। 29 अक्टूबर, 2018 को श्रीनगर में तीन आतंकवादियों के पास से पुलिस ने सेब की पेटी में छुपाकर रखे यह बम बरामद किए थे। साफ है कि वायरल हो रही दोनों तस्वीरों का आपस में कोई संबंध नहीं है। गिरफ्तार खड़ा दिख रहा शख्स बांग्लादेश का टीचर है। वहीं जब्त किए गए बम श्रीनगर के हैं। दोनों ही मामले 2 साल पुराने हैं। फोटो के साथ किया जा रहा असम कांग्रेस के मुस्लिम नेता वाला दावा पूरी तरह फेक है।
A brief exchange of fire on the outskirts of Srinagar city. Three suspected militants arrested among them one is injured.Arms and ammunition recovered. Investigations started. pic.twitter.com/lT9AoRnu5H
— JK Police (@JmuKmrPolice) October 29, 2018
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। फोटो 2 साल पुरानी है और इसके साथ किया जा रहा असम कांग्रेस के मुस्लिम नेता वाला दावा पूरी तरह फर्जी है।
Created On :   6 Nov 2020 4:19 PM IST