दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: 'भाजपा की तानाशाही को खत्म नहीं...', हार के बाद शविसेना (UBT) नेता संजय राउत की AAP-कांग्रेस को सलाह
- संजय राउत की सलाह
- आप-कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान
- दिल्ली में बीजेपी की शानदार जीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विधानभा चुनाव के नतीजों का एलान होते ही सियासी पारा और भी ज्यादा चढ़ने लगा है। इस क्रम में शिवसेना- यूबीटी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दल साथ मिलकर लड़ते तो माहौल कुछ और होता। उन्होंने कहा कि जब तक हम आपस में ही लड़ते रहेंगे तब तक भारतीय जनता पार्टी की तानाशाही को खत्म करना मुश्किल है।
आपको बता दें कि, 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का एलान हुआ। भारतीय जनता पार्टी को 70 में से 48 सीटें मिली। आम आदमी पार्टी ने 22 सीटें हासिल कर दिल्ली की सत्ता खो दी। वहीं, कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं जीती।
आप क्यों हारी?
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियों की जिम्मेदारी थी कि वह बैठकर सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझाते। कांग्रेस भी एक राष्ट्रीय पार्टी है। उनके लोग भी चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में उन्हें जगह मिले। ऐसे में चुनाव से पहले दोनों को एक-दूसरे के साथ बात करनी चाहिए थी। आप और कांग्रेस ने दिल्ली में अलग-अलग चुनाव लड़ा और दोनों की हार हुई है। मुझे लगता है कि यह देश के साथ घात हुआ है।
कब खत्म होगी बीजेपी की तानाशाही?
शिवसेना-यूबीटी नेता ने आगे कहा कि कि दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का जो बयान आया है, उससे मैं सहमत हूं। मैं भी कहता हूं कि आपस में लड़ते रहो और पीएम मोदी और भाजपा को विजय दिलाते रहो। भाजपा भी यही चाहती है कि हम आपस में लड़ते रहें, जिसका फायदा उन्हें हो। हमारा और उद्धव ठाकरे का कहना है कि जब तक हम आपस में लड़ते रहेंगे, तब तक भाजपा की तानाशाही को नहीं हरा पाएंगे।
संजय राउत ने कहा कि दिल्ली चुनाव में हमें अपनी हार का आत्मचिंतन करना चाहिए। अगर आत्मचिंतन नहीं करना चाहते तो फिर राजनीति करना छोड़ दें। कांग्रेस और आप दोनों पार्टियों को इससे सबक लेना चाहिए। दिल्ली चुनाव मिलकर लड़े रहते तो आज नतीजा कुछ और होता।
Created On :   9 Feb 2025 3:07 PM IST