Amrawati News: किसानों को लुभा रही भावांतर योजना , अंतर की राशि सीधे किसानों के खाते में होगी जमा
- बड़े नेता बैठकों के जरिए माहौल गरमा रहे
- किसानों के मुद्दों पर फोकस कर रही पार्टियां
Amrawati News किसानों की कृषि उपज बाजार में आने के बाद कृषि उत्पादों के दाम गिर जाते हैं। बाद में दाम बढ़ने पर भी किसानों को कोई फायदा नहीं मिलता। किसानों को हर साल आने वाली इस समस्या से निजात दिलाने के लिए महायुति ने ‘भावांतर’ योजना की घोषणा की है। बाजार में गारंटी मूल्य से कम कीमत होने पर भी किसानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ‘भावांतर’ योजना के तहत बाजार मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच का अंतर सरकार द्वारा सीधे किसानों के खाते में जमा किया जाएगा। इस आशय की घोषणा के बाद किसानों ने संतुष्टि जाहिर की है। किसानों को भरोसा है कि पहली बार उन्हें अपने माल की कीमत की गारंटी मिल रही है।
विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर पहुंच गया है। छह दिन शेष है और बड़े नेता बैठकों के जरिए माहौल गरमा रहे हैं। इन बैठकों में होनेवाली चर्चाओं का केंद्र बिंदू किसान हैं। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ‘भावांतर’ योजना का जिक्र किया है। इसके साथ ही संपूर्ण ऋण माफी, कृषि पंपों को मुफ्त बिजली देने का भी आश्वासन दिया गया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने अमरावती जिले में हुई एक बैठक में ‘भावांतर’ योजना का जिक्र किया था। पिछले दिनों कपास और सोयाबीन की कीमतें गिर गईं थी। किसानों को राहत देने के लिए ‘भावांतर' योजना लाई गई। किसानों को प्रति हेक्टेयर पांच हजार रुपये की सहायता दी गयी। फड़णवीस ने यह भी वादा किया कि अगर आने वाले समय में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत मिलती है, तो अंतर राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगी।
बीजेपी फिलहाल राज्य के ग्रामीण इलाकों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के मुद्दों पर फोकस कर रही है। महायुति को लोकसभा चुनाव में किसानों की नाराजगी का झटका लगा था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने पत्रकारों से बातचीत में विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव में ‘भावांतर’ योजना जैसी घोषणाओं से किसान खुश हुए हैं।
62 लाख किसानों को फायदा : महायुति सरकार ने कुछ महीने पहले कपास और सोयाबीन उत्पादकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य में ‘भावांतर’ योजना लागू की थी। कपास और सोयाबीन उत्पादक किसानों को प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में मिले। यह राहत दो हेक्टेयर की सीमा में दी गई। जहां तक राज्य का सवाल है, लगभग 62 लाख किसानों को 2,700 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया। भावांतर योजना के माध्यम से, यदि कपास और सोयाबीन की कीमत बाजार में समर्थन न्यूनतम मूल्य से कम है, तो सरकार किसानों को अंतर का भुगतान करती है। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि अब भावांतर योजना सिर्फ कपास और सोयाबीन उत्पादकों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य कृषि उत्पादों के लिए भी लागू की जाएगी।
गारंटी मूल्य की चिंता दूर : "किसानों को हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि उन्हें उनकी फसलों के लिए गारंटी मूल्य के अनुसार कीमतें मिलेंगी या नहीं। ‘भावांतर’ योजना से यह चिंता हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। -पाशा पटेल, अध्यक्ष, राज्य कृषि मूल्य आयोग
किसानों की लूट पर रोकथाम : "भावांतर’ योजना बाजार में किसानों की लूट को रोकेगी। यह सुनिश्चित करेगी कि कृषि उपज को उचित मूल्य मिले और किसान बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होंगे। -संदीप गिड्डे पाटील, महासचिव, भाजपा किसान मोर्चा
Created On :   13 Nov 2024 7:20 AM GMT