डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती घोटाला: सीबीआई ने समिति के 5 पूर्व सदस्यों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की

WBSSC recruitment scam: CBI registers fresh FIR against 5 former members of the committee
डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती घोटाला: सीबीआई ने समिति के 5 पूर्व सदस्यों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की
पश्चिम बंगाल डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती घोटाला: सीबीआई ने समिति के 5 पूर्व सदस्यों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की
हाईलाइट
  • पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाला

डिजिटल डेस्क , कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले के संबंध में डब्ल्यूबीएसएससी के पांच पूर्व शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ एक नई प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें से सभी तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा नियुक्त स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य थे।

सीबीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि चूंकि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायिक समिति ने पहले ही स्क्रीनिंग कमेटी के गठन को अवैध करार दिया है, इसलिए भी मामले में एजेंसी ने इन पांच लोगों के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज करना जरूरी समझा। सूत्र ने और यह भी कहा कि यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि उक्त समिति के सदस्य मेरिट सूची में हेराफेरी के लिए की गई कागजी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार थे।

इन पांच व्यक्तियों में डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व सलाहकार एस. पी. सिन्हा, पूर्व चेयरमैन सौमित्र सरकार, पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय, पूर्व सचिव ए. के. साहा और पूर्व प्रोग्रामर समरजीत आचार्य शामिल हैं। पूरी अनियमितता में सबसे महत्वपूर्ण ऑपरेटर माने जाने वाले सिन्हा से कई बार जांच एजेंसी ने पूछताछ की है। यह पता चला है कि इन पांच व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों के बैंक खाते का विवरण, संपत्ति का विवरण और तमाम संपत्ति वर्तमान में सीबीआई की जांच के दायरे में है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि ताजा प्राथमिकी में केंद्रीय एजेंसी ने पूरे घोटाले में पांच व्यक्तियों द्वारा निभाई गई विशिष्ट भूमिकाओं का उल्लेख किया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि बहुस्तरीय अनियमितताओं की हर परत में सिन्हा की कोई न कोई भूमिका थी।

इस बीच, शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी शनिवार को लगातार तीसरे दिन सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय में पेश हुए। उनसे शनिवार को करीब साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की गई। यह आरोप लगाया गया है कि उनकी बेटी अंकिता अधिकारी को सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए एक राजकीय स्कूल में राजनीति विज्ञान की शिक्षिका के रूप में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें मेरिट लिस्ट में क्वालीफाई किए बिना और व्यक्तित्व परीक्षण (पर्सनैलिटी टेस्ट) में शामिल हुए बिना ही नियुक्ति मिल गई। इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था। इसके साथ ही उन्हें अब तक प्राप्त कुल वेतन को दो चरणों में वापस करने का निर्देश दिया गया है।

 

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Created On :   21 May 2022 2:31 PM GMT

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