जामिया ने फीस देने में देरी के कारण छात्र को नहीं दिया दाखिला, छात्रों में रोष
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से एक छात्र समय पर फीस नहीं भर पाया और इस वजह से उसे दाखिला देने से इनकार कर दिया गया। छात्रों के एक समूह ने गुरुवार को इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ घेराव किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीवीपी) से जुड़े इन छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के प्रति तानाशाही रवैया अपना रहा है।
एवीवीपी का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक छात्र को एडमिशन इसलिए नहीं दे रहा है, क्योंकि समय पर फीस जमा नहीं हुई। छात्र को 21 नवंबर का सभी प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन के साथ ही फीस्लिप जारी कर दी गई थी। चूंकि फीस्लिप 4 बजे जारी की गई थी, इसलिए बैंक से ऑफलाइन फीस जमा नहीं हुई, तब छात्र को ऑनलाइन फीस जमा करने के लिए कहा गया, लेकिन ऑनलाइन भी एरर आ रहा हैं। छात्र ने दोनों समस्या को डीन को बताई डीन ने जामिया रजिस्ट्रार को लेटर भेजा तथा जामिया परीक्षा नियंत्रक को भी लेटर भेजा, लेकिन आज तक उस छात्र का एडमिशन नहीं हो पा रहा है।
एवीवीपी ने विश्वविद्यालयों में विलंब से चल रहे अकादमिक सत्र पर भी चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि कोरोना के बाद विलंब से चल रहे अकादमिक सत्र को फिर से पटरी पर लाने व एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाओं में विलंब और तकनीकी दिक्कतों को ठीक करने की जरूरत है। छात्र संगठन ने इसके अलावा दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से आयोजित कराने जैसे मुद्दे उठाए। छात्रों ने सरकार से छात्रों के हित में शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।
एवीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कुल पांच प्रस्ताव हजारों प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा व सुझाव के द्वारा पारित हुए। इन पांच प्रस्तावों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए बजट के आवंटन, भारतीय ज्ञान परंपरा से युक्त भारतीय भाषाओं में पढ़ाई होने, आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएफआई जैसे संगठनों व उनसे सहानुभूति रखने वालों का कड़ा प्रतिकार करने तथा भारत की वैश्विक पटल पर उभरती भूमिका जैसे विषयों को उठाया गया है। संगठन का अगला राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में होगा। एवीवीपी ने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था एक व्यापक परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। भारत में करोड़ों की संख्या में छात्र हैं, जिनकी आशाओं को यदि पंख देना है तो भारत सरकार के साथ राज्य सरकारों को ईमानदारी से काम करना होगा।
(आईएएनएस)
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Created On :   1 Dec 2022 9:30 PM IST