ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन की उपलब्धता में बड़ी असमानता

Huge disparity in the availability of smartphones for online studies
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन की उपलब्धता में बड़ी असमानता
आर्थिक सर्वेक्षण ऑनलाइन पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन की उपलब्धता में बड़ी असमानता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के कारण बीते वर्ष देशभर के स्कूल कॉलेज व शिक्षण संस्थान बार-बार बंद किए जाते रहे हैं। अधिकांश शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई ऑनलाइन माध्यमों पर शिफ्ट की गई है। हालांकि शिक्षा की स्थिति पर आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट बताती है की ऑनलाइन शिक्षा के लिए अभी भी सभी छात्रों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं है।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि शिक्षा प्रणाली पर महामारी का महत्वपूर्ण असर हुआ, जिससे भारत के स्कूलों और कॉलेजों के लाखों लोग प्रभावित हुए। समीक्षा में कहा गया है कि बार-बार लगाए जाने वाले लॉकडाउन के कारण शिक्षा क्षेत्र पर रियल टाइम प्रभाव का पता लगाना कठिन है, क्योंकि नवीनतम उपलब्ध व्यापक आधिकारिक डाटा 2019-20 का है।

शिक्षा की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्ट (एएसईआर) 2021 के मुताबिक 2018 के 36.5 प्रतिशत के तुलना में 2021 में स्मार्टफोन की उपलब्धता बढ़कर 67.6 प्रतिशत हो गई है। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में एएसईआर रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि उच्च कक्षा के बच्चों की तुलना में निचली कक्षाओं के बच्चों के लिए ऑनलाइन कार्य करना कठिन रहा।

छोटी कक्षाओं के बच्चों को स्मार्टफोन की अनुपलब्धता तथा कनेक्टिविटी नेटवर्क की अनुपलब्धता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक ग्रामीण भारत के क्षेत्रों में 50 प्रतिशत बच्चों की पहुंच स्मार्ट फोन तक है। वही पूरी ग्रामीण आबादी की बात करें तो 67 फीसदी हिस्से कि पहुंच स्मार्टफोन तक बन सकी है। स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दे चुके हैं। शिक्षा मंत्री के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में पहले के मुकाबले स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में 50 प्रतिशत बच्चों की स्मार्टफोन तक पहुंच है। वहीं 2021 में 67 प्रतिशत ग्रामीण आबादी की पहुंच स्मार्टफोन तक बन सकी है। वर्ष 2018 में केवल 36.5 प्रतिशत ग्रामीण आबादी की स्मार्टफोन तक पहुंच थी।

आईएएनएस

Created On :   31 Jan 2022 3:00 PM GMT

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