जनजातीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएंगी उच्च शिक्षा की पुस्तकें

Higher education books will be made available in tribal languages
जनजातीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएंगी उच्च शिक्षा की पुस्तकें
नई दिल्ली जनजातीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएंगी उच्च शिक्षा की पुस्तकें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में अब उच्च शिक्षा की पुस्तके 12 भारतीय भाषाओं के साथ-साथ जनजातीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इन पुस्तकों का अनुवाद जनजातीय भाषाओं में कराएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के अनुसार एनसीईआरटी पहले ही स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष की किताबें जनजातीय भाषाओं में उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की इस पहल का लाभ आदिवासी समुदाय को मिलेगा। शिक्षा मंत्री के मुताबिक एनसीईआरटी, स्कूल में विभिन्न स्तर पर पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों को जनजातीय भाषाओं में उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है। इसके अलावादो जनजातीय विश्वविद्यालय भी शुरू किए जा चुके हैं। वहीं यूजीसी ने अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक प्रकाशकों के साथ स्नातक की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय भाषाओं में लाने की संभावनाओं पर चर्चा की। यूजीसी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों ने इस राष्ट्रीय मिशन में भागीदार बनने की इच्छा जताई है।

यूजीसी के अध्यक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक प्रकाशकों के साथ बातचीत की है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक प्रकाशकों से पूछा कि क्या वे भारतीय भाषाओं में स्नातक अंग्रेजी पाठ्यपुस्तकें ला सकते हैं। विली इंडिया, स्प्रिंगर नेचर, टेलर एंड फ्रांसिस, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया, सेंगेज इंडिया और मैकग्रा-हिल इंडिया के प्रतिनिधियों ने बातचीत में भाग लिया।

यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने आईएएनएस को बताया, प्रकाशकों से चर्चा के दौरान देश भर के उच्च शिक्षा संस्थानों में अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उड़िया, बंगाली, असमिया, पंजाबी, हिंदी और उर्दू जैसी भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों के अनुवाद पर जोर दिया गया।

अध्यक्ष ने आगे बताया कि यूजीसी प्रकाशकों को पाठ्यपुस्तकों, अनुवाद उपकरणों और संपादन के लिए विशेषज्ञों की पहचान के संबंध में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूजीसी ने एक रोड मैप तैयार करने और बीए, बीकॉम, और बीएससी जैसे स्नातक कार्यक्रमों में उपयोग की जाने वाली भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को लाने की दिशा में काम करने के लिए एक शीर्ष समिति का गठन किया है। इस बात पर भी जोर दिया गया कि डिजिटल प्रारूप में सस्ती कीमतों पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए प्रकाशकों के साथ एक मॉडल तैयार किया जाएगा।

(आईएएनएस)

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Created On :   26 Dec 2022 4:31 PM IST

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