दिल्ली के शिक्षक कैदियों के एजुकेशनल बैकग्राउंड को समझने के लिए करेंगे एक स्टडी

Delhi teachers will do a study to understand the educational background of prisoners
दिल्ली के शिक्षक कैदियों के एजुकेशनल बैकग्राउंड को समझने के लिए करेंगे एक स्टडी
नई दिल्ली दिल्ली के शिक्षक कैदियों के एजुकेशनल बैकग्राउंड को समझने के लिए करेंगे एक स्टडी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक तिहाड़ जेल के कैदियों के एजुकेशनल बैकग्राउंड और संभावित कौशल को समझने के लिए एक स्टडी करेंगे। यह स्टडी तिहाड़ जेल के कैदियों अपस्किलिंग के लिए उन्हें स्किल ट्रेनिंग व शैक्षिक सहायता के लिए है। तिहाड़ जेल में करीब 20,000 इनमेट्स हैं जो अपनी सजा काट रहे हैं और जेल में ही किसी तरह के स्किल बेस्ड वर्कशॉप में शामिल हैं।

जेल से बाहर आने पर समाज के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद करने व उनके अपस्किलिंग के लिए तिहाड़ जेल के कैदियों को स्किल ट्रेनिंग व शैक्षिक सहायता दी जाएगी। इस दिशा में दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक पहले इन कैदियों के एजुकेशनल बैकग्राउंड और संभावित कौशल को समझने के लिए एक स्टडी करेंगे।

गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में तिहाड़ जेल के इनमेट्स के लिए यह जीवन बदलने वाले प्रोजेक्ट को लेकर संबंधित स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की गई। बैठक में डायरेक्टर जनरल प्रिजन संदीप गोयल, शिक्षा सचिव अशोक कुमार, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता व प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा मौजूद रहे।

सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में बोलते हुए, उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, हमारी सरकार का मानना है कि सही शिक्षा ही एकमात्र तरीका है जिसके माध्यम से लोगों में सकारात्मक व ग्रोथ माइंडसेट को विकसित किया जा सकता है और उन्हें बेहतर व सार्थक जीवन जीने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में तिहाड़ जेल में करीब 20,000 इनमेट्स हैं जो अपनी सजा काट रहे हैं और जेल में ही किसी तरह के स्किल बेस्ड वर्कशॉप में शामिल हैं, जो अच्छी बात है। लेकिन हमें जेल के इनमेट्स की अपस्किलिंग करने और उन्हें शिक्षित करने की जरुरत है, उन्हें प्रशिक्षित करने की जरुरत है। ताकि जब वे अपनी सजा पूरी करने के बाद जेल से बाहर आए तो दोबारा अपराधी गतिविधियों में संलिप्त होने के बजाय अपने स्किल ट्रेनिंग का इस्तेमाल एक बेहतर जीवन जीने के लिए कर सकें।

इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए सिसोदिया ने कहा, इस प्रोजेक्ट के तहत हमारे टीचर्स जेल के इनमेट्स के स्किल्स और शैक्षिक स्तर का आकलन करेंगे और उसके बाद उनके लिए कुछ नए कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे। सिसोदिया ने टीचर्स को बेहद संवेदनशीलता के साथ मूल्यांकन की प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि टीचर्स स्टडी के दौरान इनमेट्स का साक्षात्कार करते समय यह सुनिश्चित करें कि वे उनके अनूठे कौशलों का पता लगाने के साथ भविष्य में काम करने के लिए इनमेट्स की रुचि के क्षेत्रों का भी पता लगा सकें।

सिसोदिया ने कहा कि यह प्रोजेक्ट इस बात को लेकर भी बहुत महत्वपूर्ण है कि वर्तमान के शिक्षा व्यवस्था में ऐसी क्या कमी है जिसके कारण समाज में अब भी आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं। हम अभी जेल में बंद इन लोगों के लिए क्या कर सकते है कि ये बाहर आकर एक सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें तथा हमें अपनी शिक्षा व्यवस्था में ऐसे क्या बदलाव लाने चाहिए ताकि किसी को भविष्य जेल न जाना पड़े।

उन्होंने कहा कि इस स्टडी में दौरान विभिन्न इनमेट्स से बात कर ये समझने का प्रयास किया जाएगा कि ऐसी कौन-सी चीजे थी जिसकें कारण आपराधिक गतिविधियों में उनकी संलिप्तता बढ़ी। और कैसे उन्हें शिक्षा के माध्यम से दूर किया जा सकता है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार पहले से ही तिहाड़, मंडोली व रोहिणी जेल काम्प्लेक्स में एक एजुकेशनल प्रोग्राम चला रही है, जहां शिक्षा निदेशालय के टीचर्स साप्ताहिक रूप से कैदियों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं।

 

सोर्स- आईएएनएस

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Created On :   30 Jun 2022 9:00 PM IST

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