दोनों चरणों की परीक्षा में गैरहाजिर छात्रों को नहीं मिलेगा तीसरा अवसर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीएसई द्वारा आयोजित की जा रही कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाएं जून के मध्य तक चलेंगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जून के महीने में कोरोना भी चरम पर रहेगा। इन परीक्षाओं के लिए देशभर के करीब 35 लाख छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया है। ऐसे में परीक्षा कैसे कराई जाएगी, इस पर सीबीएसई का कहना है कि फिलहाल परीक्षाएं सुचारू रूप से जारी हैं और अभी इस प्रकार की कोई समस्या नहीं है। वहीं एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि ऐसे छात्रों का क्या होगा जो दूसरे चरण की इन परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। ऐसे छात्रों का परिणाम कैसे तैयार होगा जो पहले और दूसरे चरण में नहीं आ सके।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के मुताबिक, जो छात्र न तो पहले चरण की परीक्षाओं में शामिल हुए न ही दूसरे चरण की परीक्षा दी। उन छात्रों को अब तीसरा अवसर नहीं दिया जा सकता है। ऐसे छात्रों को दोबारा से वही कक्षा रिपीट करनी होगी। यह छात्र केवल अगले वर्ष आयोजित होने वाली सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में बैठ सकेंगे। इन छात्रों को इस साल कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि सीबीएसई द्वारा इस वर्ष बोर्ड की परीक्षाएं दो अलग-अलग चरणों में ली जा रही हैं। यह परीक्षा का दूसरा चरण है। पहला चरण पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर माह के दौरान आयोजित किया गया था। यह बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित की जा रही है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के मुताबिक दूसरे चरण में इसबार 10वीं और 12वीं की परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित की जा रही है। सीबीएसई 50 फीसदी सिलेबस के लिए यह परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। शेष 50 प्रतिशत सिलेबस के लिए परीक्षाएं पिछले वर्ष पहले चरण में आयोजित की जा चुकी है।
सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा पात्रता और रिजल्ट संबंधी गाइडलाइन बनाई है। हालांकि यदि कोई छात्र किसी एक चरण की परीक्षाएं पूरी दे चुका है और कोरोना के कारण दूसरे चरण की परीक्षा नहीं दे पाया तो ऐसे छात्रों के लिए मूल्यांकन के विशेष तरीके उपलब्ध कराए जा सकते हैं। सीबीएसई के मुताबिक ऐसे छात्रों के लिए विकल्प उपलब्ध होंगे और उन्हें एसेंशियल रिपीट की कैटेगरी में नहीं रखा जाएगा।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज बता चुके हैं कि कोरोना के कारण ही बोर्ड परीक्षाओं को दो हिस्सों में बांटा गया है। इसका उद्देश्य यही था कि कोरोना के कारण यदि किसी एक चरण की परीक्षाएं न ली जा सके तो दूसरे चरण की परीक्षाओं के आधार पर छात्रों का परीक्षा परिणाम जारी किया जा सके।
सीबीएसई ने परिणाम से असंतुष्ट छात्रों के लिए पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था की है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल सक्रिय किया जाएगा। परीक्षा परिणाम जारी होने के उपरांत यह पोर्टल 2-3 दिनों तक सक्रिय रहेगा। छात्रों को ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए गैर-वापसी योग्य 100 रुपये प्रति प्रश्न का पुनर्मूल्यांकन शुल्क देना होगा। यदि छात्रों के अंकों में कोई भी बदलाव पाया गया तो वह सीबीएसई रिजल्ट में भी दिखाई देगा। पुनर्मूल्यांकन के बाद रिजल्ट को अंतिम माना जाएगा। सीबीएसई का कहना है कि पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ कोई और अपील पर विचार नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा सीबीएसई ने छात्रों को एक अन्य सुविधा भी प्रदान की है। सीबीएसई का कहना है कि जिन छात्रों को मूल्यांकित उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी प्राप्त करना है वे अपनी मूल्यांकित आंसर स्क्रिप्ट की फोटोकॉपी प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह आवेदन प्रक्रिया भी ऑनलाइन मोड में पूरी की जाएगी। इसके लिए छात्रों को प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 700 रुपये प्रति विषय का भुगतान करना होगा।
गौरतलब है कि मंगलवार 26 अप्रैल से देशभर में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गई। करीब 35 लाख छात्र सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीबीएसई व विभिन्न राज्य सरकारों ने इन बोर्ड परीक्षाओं को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। इसी के मद्देनजर परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान स्कूलों में बड़े स्तर पर सैनिटाइजेशन ड्राइव एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया।
सीबीएसई की 10वीं की परीक्षाएं 26 अप्रैल से 24 मई तक हैं। वहीं 12वीं कक्षा के लिए शुरू की गई सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 15 जून तक जारी रहेंगी। कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए सीबीएसई ने छात्रों के लिए खास दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों का पालन करते हुए छात्रों को एग्जाम सेंटर के अंदर कोविड प्रोटोकॉल का खास ख्याल रखना होगा।
(आईएएनएस)
Created On :   1 May 2022 1:01 PM IST