सोम प्रदोष: आज ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें पूजा विधि

Som Pradosh Vrat: please Lord Shiva in this way, know the method of worship
सोम प्रदोष: आज ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें पूजा विधि
सोम प्रदोष: आज ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा व उपासना की जाती है। जिस तरह एकादशी के व्रत एक साल में 24 होते हैं उसी तरह एक वर्ष में 24 प्रदोष व्रत भी होते हैं। सप्ताह के जिस दिन यानी कि वार को यह व्रत आता है, इसे उसी नाम से जाना जाता है। फिलहाल आज सोमवार 20 अप्रैल को सोमप्रदोष व्रत है।

सोमवार को आने वाला यह प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण माना गया है। सोमवार स्वयं महादेव शिव का दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन व्रत का आना शुभदायक है। आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...

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सोम प्रदोष व्रत की तिथि और मुहूर्त -
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 20 अप्रैल रात 12:42 बजे से
- त्रयोदशी तिथि समाप्त- 21 अप्रैल रात्रि 3:11 बजे तक 

पूजा विधि
शुक्रवार प्रदोष व्रत के दिन जातक को प्रात:काल स्नान कर शिव जी का पूजन करना चाहिए। पूरे दिन मन ही मन "ऊँ नम: शिवाय" का जप करें और पूरे दिन निराहार रहें। इस दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करें। शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा शाम 4:30 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे के बीच की जाती है। 

इस दिन जातक शाम को पुन: स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। जातक चाहे तो शिव मंदिर में भी जाकर पूजा कर सकते हैं। इसके बाद पूजन सामग्री एकत्रित कर कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें। फिर कुश के आसन पर बैठकर शिव जी की पूजा पूर्ण विधि-विधान से करें।

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जातक "ऊँ नम: शिवाय" कहते हुए शिव जी को पतली धार से जल अर्पित करें। इसके बाद अपने दोनों हाथ जो‌ड़कर शिव जी का ध्यान करें। व्रती को शुक्र प्रदोष व्रत की कथा सुनना चाहिए अथवा सुनाना चाहिए। वहीं कथा समाप्ति के बाद हवन सामग्री मिलाकर 11, 21, 51 या 108 बार "ऊँ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा" मंत्र से आहुति दें। पूजा के अंत में शिव जी की आरती कर सभी भक्त जनों को आरती दें। इसके बाद व्रत का पारण करें याद रहे कि भोजन में केवल मीठी फलाहारी सामग्रियों का ही उपयोग करें।

Created On :   18 April 2020 10:22 AM GMT

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