जया एकादशी आज: जानें इस तिथि का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इसे अजा तथा भीष्म एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस साल जया एकादशी 23 फरवरी, मंगलवार को है। मान्यता है कि इस एकादशी के उपवास से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष को पा लेते हैं। जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।
एक कथा के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से निवेदन कर जया एकादशी का महात्म्य, कथा तथा व्रत विधि के बारे में पूछा था। तब श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि जया एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है। इस एकादशी का व्रत विधि-विधान से करने से तथा ब्राह्मण को भोजन कराने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त...
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मुहूर्त और पूजा
इस दिन जया एकादशी रवि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से शाम 04 बजकर 51 मिनट तक है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का जाप करें। राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम का पाठ करें। भीष्म एकादशी पर घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। इस दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए। न नही अधिक बोलना चाहिए।
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ऐसे करें व्रत की शुरुआत
जया एकादशी के दिन प्रात: टूथपेस्ट ना करें नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उंगली से कंठ साफ कर लें, वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है। अत: स्वयं गिरा हुआ पत्ता लेकर उपयोग करें। यदि यह संभव न हो तो पानी से बारह बार कुल्ले कर लें। फिर स्नानादि कर मंदिर में जाकर गीता पाठ करें या पुरोहितजी से गीता पाठ का श्रवण करें।
Created On :   21 Feb 2021 9:56 AM IST