आमलकी एकादशी: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, इस दिन क्या करें? क्या ना करें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसे आवंला, रंगभरनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जातक आंवले के वृक्ष की विधि-विधान से पूजा की जाती है इसलिए इसे आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
इस वर्ष यह एकादशी 25 मार्च 2021 गुरुवार को है। हालांकि कुछ लोगों ने एकादशी का व्रत 24 मार्च को रखा, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि 25 मार्च को एकादशी है। आइए जानते हैं कब है शुभ मुहूर्त...
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ज्योतिषाचार्य मत
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार,24 मार्च की सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक दशमी उसके बाद एकादशी तिथि लगेगी। जो कि 25 मार्च की सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी। ऐसे में 25 मार्च को उदया तिथि में एकादशी व्रत रखा जाएगा।
शुभ मुहूर्त
एकादशी व्रत पारण का समय: 26 मार्च को सुबह 06:18 बजे से 08:21 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक।
अमृत काल: रात 09 बजकर 13 मिनट से रात 10 बजकर 48 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 53 मिनट से सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक।
इस दिन क्या करें?
व्रत उपवास के नियम का तो पालन करें। साथ ही आज के दिन आंवले के पेड़ का रोपण करना बहुत शुभ होता है। घर में सुख समृद्धि बनी रहती है एवं रोग-शोक से मुक्ति मिलती है। आंवले का पेड़ वैसे भी औषध रूप में अत्यंत प्रभावशाली है। इसे दूसरों को गिफ्ट भी कर सकते हैं। ऐसा करने से बह्रमा, विष्णु एवं महेश तीनो का आशीर्वाद प्राप्त होता है एवं समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है। अमलाकी एकादशी के व्रत से मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है। कहा जाता है ऐसा नहीं करने से वंश पर असर पड़ता है।
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इस दिन क्या ना करें ?
एकादशी के दिन लहसुन, प्याज का सेवन करना भी वर्जित है। इसे गंध युक्त और मन में काम भाव बढ़ाने की क्षमता के कारण अशुद्ध माना गया है। इसी प्रकार एकादशी और द्वादशी तिथि के दिन बैंगन खाना अशुभ होता है। एकादशी के दिन मांस और मदिरा का सेवन करने वाले को नरक की यातनाएं झेलनी पड़ती है।
Created On :   24 March 2021 10:21 AM IST