Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी पर बन रहा ये अद्भुत संयोग, इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा

भानु सप्तमी पर बन रहा ये अद्भुत संयोग, इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा
  • सूर्य देव की आराधना करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है
  • आराधना से जीवन में आने वाले दुखों से मुक्ति मिलती है
  • सूर्यदेव की पूजा से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी (Bhanu Saptami) का पर्व मनाया जाता है। इसे रथ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी 03 मार्च, रविवार को पड़ रही है। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित है और सूर्य देव को जीवन, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखने के साथ ही भगवान सूर्य की विधि विधान से पूजा करते हैं।

ऐसी मान्यता है कि, सूर्य देव की आराधना करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है और जीवन में आने वाले दुखों से मुक्ति मिलती है। सूर्य पूजा से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य की पूजा भाव के साथ करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। आइए जानते हैं भानु सप्तमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

​तिथि कब से कब तक

सप्तमी तिथि आरंभ: 2 मार्च शनिवार, सुबह 7 बजकर 54 मिनट से

सप्तमी तिथि समापन: 3 मार्च रविवार, सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर

व्रत विधि

- ब्रम्हमुहूर्त में उठें और स्नानादि से निवृत्त हों।

- इसके बाद सूर्य निकलने पर अर्ध्य दें और विधि विधान से पूजा करें। बता दें कि, भानु सप्तमी पर सूर्योदय सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर होगा।

- इस दिन नदी या किसी भी जलाशय में खडे़ होकर ही अर्घ्य दें।

- इस दिन स्नान करते वक्त अर्क के पौधे की सात पत्तियां भी अपने सिर पर रखी जाती हैं।

- इस दिन दीपदान करने का अत्यधिक महत्व है।

- मंत्रोच्चारण के साथ लाल पुष्प, लाल चंदन, तिल, चावल, दूर्वा, विभिन्न प्रकार के 7 फल, कर्पूर, धूप इत्यादि से सूर्यदेव का पूजन करें।

- इस दिन ब्राम्हणों और गरीबों को दान करना चाहिए।

इन मंत्रों का जाप करें

ऊँ घृणि सूर्याय नम:

ऊँ सूर्याय नम:

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   2 March 2024 2:08 PM IST

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