महाराष्ट्र में बड़ी लापरवाही: सरकारी अस्पताल के शौचालय में 8 दिन तक पड़ी रही कोरोना पॉजिटिव वृद्ध महिला की लाश
डिजिटल डेस्क, जलगांव। महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही की घटना सामने आई है। यहां भुसावल की एक 82 वर्षीय महिला का शव बुधवार को अस्पताल के शौचालय के अंदर मृत अवस्था में मिला है। बताया जा रहा है कि वृद्धा दो जून से लापता थी। अस्पताल के मुताबिक, 27 मई को वृद्ध महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके अगले दिन 2 जून को खबर आती है कि वो (महिला) लापता हो गई हैं। पुलिस में महिला की मिसिंग रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। वहीं अब अस्पताल में शव मिलने से हड़कंप मच गया है। उधर, महाराष्ट्र के हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर तात्या रॉव लहाने ने डीन डॉक्टर भास्कर खैर समेत सात लोगों को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया है।
जिलापेठ पुलिस स्टेशन में वरिष्ठ निरीक्षक अकबर पटेल के अनुसार, जलगांव सिविल अस्पताल (जेसीएच) के अधिकारियों और परिवार ने पुलिस को महिला के दो जून से लापता होने की सूचना दी थी। पटेल ने बताया कि इसके बाद, हमने भुसावल में पूरी जांच की, रिश्तेदारों की उपस्थिति में सभी रोगियों के रजिस्टर, सीसीटीवी फूटेज खंगाले गए और फिर 6 जून को शिकायत दर्ज की गई।
दो जून को वार्ड में ही देखा गया था वृद्धा को
बुजुर्ग महिला 27 मई को कोरोना पॉजिटिवि पाई गई थी और जेसीएच में शिफ्ट होने से पहले उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और जांच के लिए पुलिस टीमों को वहां भेजा गया था।जेसीएच अधिकारियों ने पुष्टि की है कि महिला को 2 जून तक वार्ड में देखा गया था, जिसके बाद उसका पता नहीं चला था। पटेल ने कहा कि आखिरकार आज अस्पताल के शौचालयों में से एक से काफी दुर्गंध आ रही थी और हमें वहां महिला का शव मिला। हमने तदनुसार परिवार को सूचित कर दिया।
महिला के पोते ने सीएम उद्धव से की गुहार
एक वीडियो संदेश में महिला के दुखी पोते ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अपील की है कि वह इस घटना की जांच का आदेश दें और दोषी पाए जाने वालों को दंडित करें। पिछले तीन दिन में लापता कोरोना संक्रमित मरीज के मृत पाए जाने का यह दूसरा दर्ज मामला है, जो राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को परेशान कर रहा है।
मामले में करेंगे कार्रवाई: जलगांव डीएम
अविनाश डांगे, डीएम, जलगांव का कहना है कि यह काफी गंभीर मामला है। यह बड़ी लापरवाही है। अस्पताल के बाथरूम दिन में 2 से 3 बार साफ किए जाते थे। ऐसे में किसी ने बाथरूम में में महिला को कैसे नहीं देखा। हम इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
अहमदाबाद के Covid अस्पताल में भी हुआ था कुछ ऐसा
बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भी मई के महीने में कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था। अस्पताल में भर्ती एक कैंसर मरीज की मौत के 5 दिन बाद भी उसके घरवालों को कोई सूचना नहीं दी थी। ये हाल तब था जब उस मरीज के घरवाले हर रोज आकर अस्पताल में मरीज की तबीयत के बारे में पूछते थे। कैंसर मरीज के परिजनों ने सिविल अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उन्हें मरीज के बारे में तब पता चला जब उसका शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखा मिला। 54 वर्षीय मृतक पोरबंदर का रहने वाला था।
Created On :   11 Jun 2020 3:35 AM IST
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