कानपुर: विकास का साथी शशिकांत पुलिस गिरफ्त में, बताई वारदात की रात की पूरी कहानी, पत्नी की ऑडियो रिकॉर्डिंग से हुआ बड़ा खुलासा
डिजिटल डेस्क, कानपुर। विकास दुबे के कथित एनकाउंटर में मारे जाने के बाद खबरों में उसका नाम आना कुछ कम हो गया, लेकिन पुलिस की कार्रवाई जारी है। विकास के सहयोगियों की धरपकड़ जारी है। इस क्रम में यूपी पुलिस ने एक वॉन्टेड आरोपी शशिकांत पाण्डे को गिरफ्तार किया है। शशिकांत पाण्डे पर 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। पुलिस के मुताबिक शशिकांत बिकरु कांड में शामिल था। शशिकांत विकास दुबे के मामा का का बेटा है। शशिकांत विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश का बेटा है, यूपी पुलिस ने तीन जुलाई को प्रेम प्रकाश और अतुल को मार गिराया था। शशिकांत को पुलिस की लूटी गई राइफलों के साथ अरेस्ट किया गया है। इस बीच पुलिस के हाथ एक कॉल रिकॉर्डिंग भी लगी है। इसमें आरोपी शशिकांत की पत्नी की बात रिकॉर्ड हुई है।
शशिकांत ने पुलिस गिरफ्त में आने के बाद पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने घटना वाली रात का पूरा सच बताया। उसने बताया कि मेरे घर में सीओ साहब के साथ दो दारोगा को गोली मारी गई। विकास ने यह भी बताया कि विकास ने धमकी देकर उनसे गोलियां चलवाई। उसने बताया कि विकास ने मना करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। शशिकांत ने यह भी बताया कि इस घटना को अंजाम देने के लिए विकास ने ही हथियारों का इंतजाम किया था।
शशिकांत ने बताए गोली चलाने वालों के नाम
शशिकांत ने गोली चलाने वाले नामों का भी खुलासा किया उसने बताया कि इस घटना को अंजाम देने में विकास दुबे, अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, बऊआ, अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश और शशिकांत के अलावा कई लोग शामिल थे। साथ ही उसने बताया कि विकास दुबे ने हर किसी को धमकी दी थी कि अगर इन पुलिस वालों पर गोली नहीं चलाई तो वो सबको मार डालेगा।
विकास दुबे के घर से मिले हथियार
वहीं पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद शशिकांत ने बताया कि पुलिस पार्टी से छीने गए हथियार विकास दुबे के घर में छिपाए गए थे। शशिकांत दुबे की निशानदेही पर पुलिस ने विकास दुबे के घर से एके-47 बंदूकें और 17 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। विकास दुबे के घर से एके-47 मिलने के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं कि पुलिस जिस अपराधी (विकास दुबे) को तहसील और जिले स्तर का बता रही है, उसके पास से इस स्तर के हथियार कहां से आए। बहरहाल, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपी शशिकांत ने अपने घर में इंसास राइफल और 20 कारतूस छिपाकर रखे थे। विकास दुबे के घर से हथियार मिलने के बाद ये सवाल किया जा रहा है कि विकास दुबे के घर को पुलिस ने ढहाया दिया था, उससे पहले तलाशी ली थी, लेकिन तब ये हथियार बरामद क्यूं नहीं किए जा सके। जबकि पुलिस विकास के घर से बरामद हुए हथियारों का ब्योरा जारी कर चुकी थी। तो ऐसा कैसे हुआ कि कुछ हथियार मिले और पुलिस से लूटे हथियार नहीं मिले।
शशिकांत की पत्नी की ऑडियो कॉल से बड़ा खुलासा
आरोपी शशिकांत की पत्नी की ऑडियो कॉल से बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अलावा आरोपी शशिकांत के घर से इंसास राइफल भी बरामद हुई है। शूटआउट के तुरंत बाद शशिकांत की पत्नी ने फोन पर बात करते हुए कहा कि भाभी बाहर 2 आदमी मरे पड़े हुए हैं। मेरे दरवाजे और आंगन में एक आदमी मरा पड़ा है और ये सब लोग भाग गए हैं क्या कहेंगे पुलिस जब आएगी?" सामने से सवाल किया जाता है- वो लोग हैं कौन? शशि की पत्नी कहती है- पुलिस वाले हैं। विकास भैया ने मारा है.... इन सब लोगों ने मारा है। इतने में फोन के पीछे से आवाज आती है कि सबसे पहले फोन नंबर डिलीट कर दो। शशि की पत्नी आगे कहती है, "भैया मोबाइल स्विच ऑफ करके छुपा दे रहे हैं।" इस बीच आगे से आवाज आती है- ये वाले नंबर डिलीट कर दो। तुम्हें नहीं पता... तुम बता देना कि अंदर थीं तुम, फोन ऑफ करके बैटरी हटा देना।"
शशि की पत्नी- ये बताइए पुलिस वाले पूछेंगे तुम्हारा आदमी कहां गया? दिन की ड्यूटी करके आया तो क्या बताएंगे? वापस सब लोग भाग गए हैं। दूसरी तरफ से- तुम कह दो आया ही नहीं उसकी डबल शिफ्ट थी। शशि की पत्नी- वहां से तो पता चल ही जाएगा। ये बताइए अगर मोबाइल ऑफ कर दें तो लोकेशन नहीं पता चलेगी ना, ये अपना मोबाइल भी यहीं छोड़ गए हैं। दूसरी तरफ से आवाज- चिंता न करो भगवान सब ठीक करेगा, मौका मिले तो निकल जाओ।
अमर दुबे की पत्नी खुशी को पुलिस ने किया रिहा
इस बीच विकास के एक और साथी अमर दुबे से जुड़ी एक खबरा सामने आई है। उसे 8 जुलाई की सुबह हमीरपुर के बोदहा में पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया था। इसी दिन पुलिस ने खुशी को गिरफ्तार किया था। पुलिस का इल्जाम था कि खुशी अमर दुबे की सहयोगी थी। जबकि खुशी और अमर की शादी पुलिसवालों पर हमले के तीन दिन पहले यानी 29 जून को हुर्ह थी। इस बात की आलोचना भी हुई। विकास की पत्नी रिचा को भी उस दौरान हिरासत में लिया गया था। उस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर खूब हंगामा हुआ था, जिसमें विकास के बेटे को घुटनों के बल बैठा दिखाया गया था। पूछताछ के बाद रिचा को तो छोड़ दिया गया, लेकिन खुशी को नहीं। इस बात पर जब सवाल उठने लगे, तब जाकर कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा कि जांच में खुशी की संलिप्ता नहीं पाई गई और इसके चलते उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया।
एक और संदिग्ध को वॉन्टेड गुड्डन त्रिवेदी को महाराष्ट्र से लाएगी कानपुर पुलिस
कानपुर शूटआउट मामले में पुलिस ने अब एक और संदिग्ध को वॉन्टेड माना है। इस संदिग्ध का नाम गुड्डन त्रिवेदी। गुड्डन विकास दुबे का सहयोगी रहा है और संतोष शुक्ल हत्या के मामले में वह विकास के साथ जेल भी जा चुका है। गुड्डन को उसके ड्राइवर सुशील तिवारी के साथ ठाणे से महाराष्ट्र के एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इन्हें पकड़ने के लिए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले इंस्पेक्टर दया नायक को भेजा गया था। 11 जुलाई को ये लोग गिरफ्तार किए गए, लेकिन कानपुर पुलिस ने प्रेस वार्ता में मीडिया को बताया कि गुड्डन त्रिवेदी की जांच चल रही है। वह फिलहाल वॉन्टेड अपराधी नहीं है। इसके बाद पुलिस ने उसे 12 जुलाई को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद 13 जुलाई को पुलिस गुड्डन को वॉन्टेड मानते हुए ट्रांजेड रिमांड की अर्जी लेकर ठाणे के मेट्रो पोलिन कोर्ट पहुंच जाती है। कानपुर पुलिस अब दोनों को अपने साथ लाएगी। इसे देखते हुए गुड्डन के वकील ने एक चाचिका लगाकर यह कहा है कि दोनों को हवाई रास्ते से ले जाया जाए। सड़क पर गाड़ी फिसलने का खतरा रहता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुलिसकर्मियों के साथ बेरहमी का खुलासा
मंगलवार को इस मामले से जुड़ी एक बहुत ही बड़ी जानकारी मिली है। घटना में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट आरोपियों द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ की गई बेहरहमी की कहानी को बयां कर रही है। उन्हें करीब से गोली मारी गई और धारदार हथियार से उनका शरीर काटा गया। रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे ज्यादा नृशंस्तता डीएसपी देवेंद्र मिश्र के साथ की गई। उन्हें चार गोलियां मारी गई, जिनमें से एक उनके सिर का दायां हिस्सा उड़ा ले गई। उनके पैर को भी धारदार चीज से काटा गया। मिश्र के अलावा तीन और पुलिसकर्मियों को सिर में गोली मारी गई। गोलियां आठ में से पांच पुलिसवालों शरीर के आरपार हो गईं। कॉन्स्टेबल जितेंद्र और एसआई अनूप के शरीर पर 12-12 गोलियों के निशान मिले।
बता दें कि उत्तरप्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात करीब एक बजे हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दी थीं। इसमें सर्कल ऑफिसर (DSP) और 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। वहीं घटना में करीब 12 पुलिसकर्मी और 7 स्थानीय लोग भी घायल हो गए थे। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में शुक्रवार को आरोपी विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और उसके एक साथी अतुल दुबे को मार गिराया था।
Created On :   15 July 2020 1:03 AM IST