दोस्तों ने पहले किया अपहरण फिर कोविड मरीज बताकर किया अंतिम संस्कार

Friends kidnapped the young man and later murdered
दोस्तों ने पहले किया अपहरण फिर कोविड मरीज बताकर किया अंतिम संस्कार
दोस्तों ने पहले किया अपहरण फिर कोविड मरीज बताकर किया अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क, आगरा। आगरा के एक युवक का उसके दोस्तों ने कथित तौर पर 2 करोड़ रुपये की फिरौती के लिए अपहरण कर लिया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, हत्या के बाद उसका एक कोविड रोगी के अवशेष के रूप में पास करके बल्केश्वर घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। 25 वर्षीय सचिन चौहान कोल्ड स्टोरेज के मालिक सुरेश चौहान के इकलौते बेटे थे। 21 जून को उसका अपहरण कर लिया गया था और उसी रात उसकी हत्या कर दी गई थी।

उसके परिजनों ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। स्पेशल टास्क फोर्स को रविवार रात सूचना मिली जिसके बाद उन्होंने पांच लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें सचिन का करीबी दोस्त हर्ष चौहान भी शामिल है, जो उसके पिता के बिजनेस पार्टनर का बेटा है। सभी ने हत्या की बात कबूल कर ली है।

गिरफ्तार आरोपियों में 32 वर्षीय सचिन असवानी, 35 वर्षीय हैप्पी खन्ना, 30 वर्षीय मनोज बंसल, 25 वर्षीय रिंकू और 24 वर्षीय हर्ष चौहान शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, सचिन और हर्ष अक्सर आगरा के दयालबाग इलाके में असवानी के एक स्पोर्ट्स क्लब में जाते थे।

सचिन की अश्वनी से दोस्ती हो गई और वह उससे पैसे उधार लेने लगा। जब उधार की राशि 40 लाख रुपये तक पहुंच गई, तो अश्विनी ने सचिन से पैसे वापस करने के लिए कहा, लेकिन वह वापस भुगतान करने को तैयार नहीं था।

इसके बाद अश्विनी और हर्ष ने सचिन के अपहरण की योजना बनाई और उसके पिता से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। 21 जून को, अश्वनी ने सचिन को खासपुर गांव में एक शराब पार्टी में शामिल होने के लिए बुलाया। आरोपित ने कथित तौर पर उसकी गला रेत कर हत्या कर दी।

एसएसपी मुनिराज जी ने कहा कि पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपी ने कमला नगर की एक मेडिकल दुकान से पीपीई किट खरीदी और खुद को ढक कर नकली नाम से बल्केश्वर में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अगले दिन अश्वनी के चचेरे भाई हैप्पी खन्ना और उसके दोस्त रिंकू ने उसकी राख एकत्र कर यमुना में विसर्जित कर दी।

एसटीएफ निरीक्षक उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आरोपियों ने घाट पर अपने एक रिश्तेदार का संपर्क नंबर देने की गलती की। दाह संस्कार के बाद हैप्पी का दोस्त मनोज बंसल पुलिस को गुमराह करने के लिए सचिन का मोबाइल फोन कानपुर ले गया।

पुलिस ने बताया कि मनोज को दो करोड़ रुपये की फिरौती देनी थी लेकिन वह ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। पुलिस ने कहा कि जब उन्हें सचिन की मां का फोन आया तो उन्होंने बताया कि सचिन सो रहे हैं और वे नोएडा में हैं। पुलिस ने कहा कि परिवार को शक हुआ और उसने 22 जून को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।

Created On :   29 Jun 2021 5:02 PM IST

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