आज देश में सरकारी आदेश के बिना होगा लॉकडाउन! लम्बे इंतजार के बाद भारत-पाक होंगे आमने-सामने
डिजिटल डेस्क, दुबई। भारत बनाम पाकिस्तान! सिर्फ एक खेल या एक युद्ध? सिर्फ खुशी या हारने वाली टीम के लिए एक बुरा सपना? निर्भर करता है कि आप सीमा के किस तरफ है। क्रिकेट की दुनिया में सबसे बड़ा मैच, यह एक ऐसा एनकाउंटर है जो एक खिलाड़ी की मानसिक दृढ़ता और कौशल का परीक्षण करता है। इस मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी रातों-रात एक राष्ट्रीय नायक का रूप ले लेता है। जो भी टीम अपने देश की जीत की कहानी लिखती हैं वह उच्चस्तरीय सम्मान की हकदार हो जाती है वहीं हारने वाली टीम अपनी फैंस के आक्रोश की शिकार हो जाती है।
पिछले कुछ सालों से भारत और पाकिस्तान के बीच ज्यादातर मुकाबले निष्पक्ष स्थानों पर ही खेले गए हैं, कोलंबो से टोरंटो तक, शारजाह से ढाका तक। द्विपक्षीय क्रिकेट अभी नामुमकिन बना हुआ है। जिस कारण से ऐसे बड़े मैचों में तनाव व अपेक्षाएं और बढ़ जाती है। सीमा के दोनों ओर के प्रशंसकों के लिए हार अस्वीकार्य है। क्योंकि पहले भी दोनों टीमों के खिलाड़ियों के घरों को पथराव का सामना करना पड़ा है और कुछ मामलों में प्रशंसकों ने घर पर टेलीविजन सेट पर अपना गुस्सा प्रकट किया है।
खेल की दुनिया में इस मैच की लोकप्रियता के आसपास भी कोई नहीं है। बहुत कम ऐसे खेल एनकाउंटर्स है जो भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के समान प्रसिद्धि पाते हैं। खेल में कहीं भी ऐसी प्रतिद्वंद्विता नहीं हैं जो किसी भी देश की इतनी मजबूत भावनाओं को उकसाती हैं। अब दो कप्तानों विराट कोहली और बाबर आजम की टीमों पर निर्भर करेगा की वो कितना दबाव झेल पाते है। विश्व कप में यह मुकाबला "बस एक और मैच होगा" लेकिन जीतने की इच्छा हमेशा की तरह उच्चस्तर पर होगी।
पाकिस्तान ने कभी भी वनडे या टी20 विश्व कप कप में भारत के खिलाफ सफलता का स्वाद नहीं चखा है, लेकिन यह आंकड़ा कप्तान बाबर आजम को बिलकुल भी परेशान नहीं कर रहा है क्योंकि वह मानते हैं कि यूएई की पिचों में टीम का हालिया रिकॉर्ड उन्हें भारत पर बढ़त दिलाएगा। पाकिस्तान का टी20 विश्व कप में कुल मिलाकर भारत के खिलाफ 0-5 का निराशाजनक रिकॉर्ड है।
पाकिस्तान की आईसीसी टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ केवल तीन जीत हैं और तीनों जीत चैंपियंस ट्रॉफी में आई है। आखिरी बार पाकिस्तान ने भारत को 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हराया था।
पिछले एक दशक में पाकिस्तान ने T20I में कैसा प्रदर्शन किया है-
पाकिस्तान की टीम टी-20 क्रिकेट में हमेशा ताकतवर रही है और पिछले 10 वर्षों में खेल के सबसे छोटे प्रारूप में उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है। उन्होंने खेले गए 129 मैचों में 77 में जीत दर्ज की हैं। जबकि वे 45 मैचों में हार गए, दो मैच टाई रहे और पांच मैचों में कोई परिणाम नहीं निकला।
लेकिन भारत का रिकॉर्ड अपने पडोसी देश की तुलना में बेहतर रहा है जहां पहले विश्व कप चैंपियन ने 115 मैचों में से 73 में जीत दर्ज की। उसे 37 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है जबकि दो मैच टाई रहे और तीन मैचों में कोई नतीजा नहीं निकला।
टी20 विश्व कप के पिछले दो संस्करणों में पाकिस्तान का प्रदर्शन इस प्रकार है-
पाकिस्तान 2007 में उद्घाटन संस्करण में उपविजेता और 2009 टी 20 विश्व कप का चैंपियन था। हालांकि, वे पिछले दो टी 20 विश्व कप में कोई प्रभाव डालने में विफल रहे हैं। 2014 में वे सुपर 10 चरण में टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे और 2016 टी 20 विश्व कप में अंतिम चार में पहुंचने में असफल रहे थे। पाकिस्तान ने 4 मैच खेले थे, एक जीत और तीन हार के साथ अपने ग्रुप में चौथे स्थान पर रहा था।
2014 के टी 20 विश्व कप में अपने ग्रुप में तीसरे स्थान पर रहने के बाद सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया था। उन्होंने 4 मैच खेले, 2 जीते और 2 हारे थे।
वहीं भारत ने 2014 में फाइनल और 2016 में सेमीफइनल तक का सफर तय किया था।
आजम की "ग्रीन आर्मी " में उनके विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान टीम में सबसे ज्यादा महत्व रखते हैं। आजम और रिजवान इस साल टी20 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और उनके बीच 29 से अधिक अर्धशतकीय साझेदारी हो चुकी है। इसके अलावा, आजम वर्तमान में आईसीसी के सबसे अधिक रेटिंग वाले बल्लेबाजों में से एक है।
ध्यान पाकिस्तानी पेस अटैक पर भी होगा, जिसमें शाहीन शाह अफरीदी, हारिस रऊफ और हसन अली जैसे युवा टैलेंट शामिल हैं। अफरीदी इस समय टीम के सबसे तेज गेंदबाज हैं और एक बार फिर तेज आक्रमण की अगुवाई करेंगे।
पाकिस्तान की टीम में अत्यधिक अनुभवी ऑलराउंडर भी हैं। शोएब मलिक हों और मोहम्मद हफीज, आजम हमेशा मैदान पर एक मार्गदर्शक पाएंगे। दोनों खिलाड़ियों ने 2007 में पहला वर्ल्ड कप खेला था और उनकी ऑफ स्पिन भी भारत के टॉप और मिडिल ऑर्डर के खिलाफ कारगर साबित हो सकती है।
Created On :   23 Oct 2021 7:30 PM GMT