यादों में रफ्तार के सरदार: पंचतत्व में विलीन हुए मिल्खा सिंह, पत्नी की तस्वीर को सीने से लगाकर दुनिया को कहा अलविदा
- पंचतत्व में विलीन हुए मिल्खा सिंह
- राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पाकिस्तान के गोविंदपुरा में जन्मे फ्लाइंग सिख "मिल्खा सिंह" का हिन्दुस्तान के चंड़ीगढ़ में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। आज (शनिवार) शाम 5.30 बजे पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह की तस्वीर को सीने लगाकर मिल्खा सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। लेकिन, वे हर हिन्दुस्तानी के दिल में जिंदा रहेंगे। मिल्खा सिंह के अंतिम संस्कार में केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू और पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक वीके सिंह बदनौर सेक्टर 25 के श्मशान घाट पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।
#WATCH | Last rites of former Indian sprinter #MilkhaSingh, widely regarded as Flying Sikh, performed with state honours in Chandigarh pic.twitter.com/0sDnKjIY1Y
— ANI (@ANI) June 19, 2021
मिल्खा सिंह के अंतिम दर्शन करने पहुंचे पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सेक्टर-8 स्थित मिल्खा सिंह के आवास पर करीब 5 मिनट बैठे। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने एक दिन के राजकीय शोक और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी पटियाला में मिल्खा सिंह के नाम पर एक चेयर स्थापित करने का एलान किया। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता महान धावक मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके निवास स्थल पर पहुंचे थे।
महान भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह का शुक्रवार रात चंडीगढ़ के एक अस्पताल में पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस के कारण निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। मिल्खा सिंह का पिछले महीने कोरोनावायरस का पॉजिटिव टेस्ट आया था। उनकी पत्नी निर्मल कौर का भी पांच दिन पहले इसी बीमारी के चलते निधन हो गया था। मिल्खा सिंह का चंडीगढ़ के PGIMER में इलाज चल रहा था। पीजीआईएमईआर अस्पताल ने अपने बयान में कहा, मेडिकल टीम के तमाम प्रयासों के बावजूद, मिल्खा सिंह जी को उनकी गंभीर स्थिति से नहीं निकाला जा सका और एक लड़ाई के बाद, उनका 18 जून 2021 को रात 11.30 बजे निधन हो गया।
24 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था
मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी का 20 मई को कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आया था। 24 मई को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिवार के लोगों के आग्रह पर 30 मई को उनकी छुट्टी कर दी गई थी। मिल्खा सिंह को जब अस्पताल से छुट्टी मिली थी तब उनकी हालत स्थिर थी। इसके कुछ दिन बाद उनकी तबीयत फिर खराब हुई और ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था। 3 जून को उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। वहीं, उनकी पत्नी निर्मल कौर का इलाज मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था। निर्मल कौर का रविवार शाम 4.00 बजे पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस के कारण निधन हो गया था। वे 85 साल की थीं।
20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा में जन्म हुआ था
मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा में हुआ था। गोविंदपुरा अब पाकिस्तान का हिस्सा है। विभाजन के बाद वे भारत आ गए थे और भारतीय सेना में शामिल हो गए। कुछ वक्त सेना में रहे लेकिन खेल की तरफ झुकाव होने की वजह से उन्होंने क्रॉस कंट्री दौड़ में हिस्सा लिया। इसमें 400 से ज्यादा सैनिकों ने दौड़ लगाई। मिल्खा 6वें नंबर पर आए।मिल्खा सिंह ने 1956 में मेलबर्न ओलिंपिक में भाग लिया था। हालांकि इसमें वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। इसके बाद 1958 में कटक में आयोजित नेशनल गेम्स में 200 और 400 मीटर में उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए। इसी साल टोक्यो में आयोजित एशियाई खेलों में 200 मीटर, 400 मीटर की स्पर्धाओं और राष्ट्रमंडल में 400 मीटर की रेस में उन्होंने गोल्ड मेडल जीते। भारत सरकार ने उन्हें देश के लिए दिए इस योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया था।
Created On :   19 Jun 2021 2:07 PM GMT