Dhoni: भारतीय रेल में टीटीई से लेकर सफल किक्रेटर बनने तक का माही का सफर, यहां पढ़े पूरी बायोग्राफी
- इंडियन आर्मी ने 1 नवंबर 2011 को धोनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक से सुशोभित किया
- केशव बनर्जी हैं एमएस धोनी के बचपन के कोच
- चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 फरवरी 2013 को बनाया था टेस्ट में पहला दोहरा शतक
- धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2009 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया था
- महेन्द्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को 2007 में टी-20 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रिकेट की दुनिया में मिस्टर कूल के नाम से प्रसिद्ध महेंद्र सिंह धोनी ने सन्यास ले लिया है। वे एक ऐसे शहर से क्रिकेट की दुनिया में आए जहां से पहले कोई नहीं आया था, क्योंकि छोटे शहरों के लोगों का टीम इंडिया में शामिल होना, अब भी एक बड़ी बात है। उन्हें विकेट के पीछे के हुनर से ज्यादा आक्रामक बल्लेबाजी के लिए टीम में शामिल किया गया। छोटे शहर से निकले इस खिलाड़ी के मैदान पर स्वभाव ने उसे भारत का कप्तान बना दिया। मैदान में किसी भी स्थिति में वह कूल रहते थे।
शतक और अर्धशतक-
धोनी ने वनडे में 10 शतक और 73 अर्धशतक बनाए हैं जो कि बहुत ही शानदार रिकॉर्ड है। वही टेस्ट मैच में धोनी ने 6 शतक,1 दोहरा शतक, 33 अर्धशतक बनाए हैं। टी20 में धोनी ने सिर्फ 2 अर्धशतक लगाए हैं। उन्होनें अपने टी-20 करियर में कोई भी शतक नही लगाया है। IPL में एमएस के बल्ले से अभी तक 23 अर्धशतक निकले हैं।
वनडे इंटरनेशनल करियर
इनिगंस- 350
रन- 10,773
चौके व छक्के- 826-229
टी-20 इंटरनेशनल करियर
इनिगंस- 98
रन-1617
चौके व छक्के- 116-52
टेस्ट करियर
इनिगंस- 90
रन- 4876
चौके व छक्के- 544-78
IPL करियर
इनिगंस-190
रन- 4432
चौके व छक्के- 297-209
विकेट के पीछे कैच और स्टंपिंग-
टेस्ट में सबसे ज्यादा शिकार - 294, सबसे ज्यादा कैच -256 और सबसे ज्यादा स्टंपिंग -38
वनडे में सबसे ज्यादा शिकार - 444, सबसे ज्यादा कैच -321 और सबसे ज्यादा स्टंपिंग -123
टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे ज्यादा शिकार - 91, सबसे ज्यादा कैच -57 और सबसे ज्यादा स्टंपिंग -34
एमएस धोनी वर्ल्डकप में दूसरे सबसे ज्यादा स्टंपिंग करने वाले विकेटकीपर हैं। वर्ल्डकप फार्मेट में धोनी ने अब तक 33 बार स्टंपिंग की है। दुनियाभर में मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपनी विकेटकीपिंग से 829 शिकार करने वाले विश्व के तीसरे और भारत के पहले विकेटकीपर हैं।
विवाद-
मैदान में तमाम विपरित परिस्थितयों के बाद भी शांत रहने वाले कैप्टन कूल धोनी चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान के बीच बेहद रोमांचक मुकाबले में 'नो बॉल' को लेकर विवादों में आ गए थे। पहली बार ऐसा हुआ जब धोनी मैदान में आ गए। इसके बाद धोनी अंपायर के पास गए और उनसे कुछ कहते दिखे। हालांकि बाद में इस बॉल को सही बताया गया। धोनी की इस हरकत के लिए उनपर 50 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगा था। धोनी को आईपीएल के कोड ऑफ कंडक्ट 2.20 के तहत दोषी पाया गया था। जो खेल की भावना के विरुद्ध जाता हो।
आखिरी टेस्ट
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, 26 दिसंबर 2014
आखिरी वनडे
अमीरात ओल्ड ट्रैफर्ड ग्राउंड इंग्लैंड, न्यूजीलैंड के खिलाफ 9 जुलाई 2019
आखिरी टी-20
एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 27 फरवरी 2019
आखिरी IPL
राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम हैदराबाद, मुंबई इंडियंस के खिलाफ 12 मई 2019
ब्रांड एंबेसडर माही- इस बात में कोई दोहराए नही है कि, कैप्टन कूल विज्ञापनकर्ताओं की पहली पसंद हैं। धोनी प्रमुख कंपनियों के ब्राँड एंबेसडर रह चुके है।
TVS मोटर
इंडियाबुल्स वेंचर्स
आम्रपाली समूह
पैनेराई
कार्स 24
ड्रीम 11
धोनी भारतीय टीम के एक महान खिलाड़ी हैं। उनकी महानता को ऊपर दिए गये आंकड़ों की सहायता से साबित किया जा सकता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 16 शतकों और 131 अर्धशतकों की मदद से लगभग 21,698 रन बनाए हैं। देखते हैं कि वह कब तक देश के लिए खेलना जारी रखते हैं।
M.S. Dhoni The Untold Story 2016
उन्हें कई मौकों पर मैन ऑफ द सीरीज़ और मैन ऑफ़ द मैच पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हें अपना पहला टेस्ट मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड मिला। 2005-06 में भारत श्रीलंका की वनडे सीरीज में पहला मैन ऑफ द सीरीज अवॉर्ड मिला।
1. ICC वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर - 2008 - 2009
2. पद्मश्री अवार्ड (भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार) - 2009
3. राजीव गांधी खेल रत्न (खेल में उपलब्धि के लिए भारत का सर्वोच्च सम्मान) - 2007–08
4. डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी ब्रिटेन द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि - 2011
5. पद्म भूषण अवार्ड (भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार) - 2018
एकदिवसीय क्रिकेट में धोनी ने सबसे ज्यादा बार नॉट आउट होने का रिकॉर्ड बनाया है। 350 एकदिवसीय मैचों की 297 पारियों में धोनी 84 बार नाबाद रहे हैं। जो कि वनडे क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा सबसे अधिक नॉट आउट रहने का रिकॉर्ड है।
निवृत्ति-
धोनी वह कप्तान हैं जिन्होंने भारतीय टीम को बदलकर रख दिया 15 साल देश के लिए खेलने वाले धोनी को पता है कि उन्हें कब संन्यास' लेना है। अपने संन्यास पर फैसला लेने का अधिकार माही को है। वर्ल्ड कप- 2019 के दौरान धोनी अपनी धीमी बल्लेबाजी की वजह से आलोचकों के निशाने पर रहे। वह न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में रन आउट हो गए थे। जिसके बाद ही भारत के सेमीफाइनल जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर गया था। टीम इंडिया के वर्ल्ड कप से बाहर हो जाने के बाद धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ब्रेक ले लिया।
साक्षी नहीं यह लड़की थी धोनी का पहला प्यार-
धोनी जब भारतीय क्रिकेट टीम मे सिलेक्शन के सपने देख रहे थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई और उन्हे प्यार हो गया। उस लड़की का नाम प्रियंका झा था। धोनी प्रियंका के साथ अपनी जिंदगी बिताना चाहते थे। लेकिन एक एक्सीडेंट के दौरान प्रियंका की मौत हो गई थी। एक साल बाद जब धोनी घर लौटे तो उन्हे इस बात की जानकारी हुई जिसके बाद वो अंदर से टूट गए थे।
महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी रांची के डीएवी स्कूल में साथ पढ़े हैं। इसके बाद साक्षी देहरादून चली गईं उस वक्त उनका परिवार देहरादून में ही रहता था। साक्षी ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। 2008 में दोनों की मुलाकात कोलकाता में फिर हुई धोनी यहां मैच खेलने आए थे। टीम ताज होटल कोलकाता में रुकी जहां साक्षी इंटर्नशिप कर रही थीं। यह साक्षी और धोनी की पहली मुलाकात थी। धोनी ने उन्हें मैसेज किया यहीं से दोनों ने डेटिंग शुरू की। साक्षी के पिता राजेंद्र सिंह रावत कोलकाता की टी कंपनी में करीब 30 साल तक जुड़े रहे अब वह कार्यकारी निदेशक हैं। धोनी और साक्षी का अफेयर काफी टाईम तक सीक्रेट रहा उसके बाद दोनों ने 4 जुलाई 2010 को देहरादून मे शादी कर ली। साक्षी ने "माही" नाम से अपनी गर्दन पर टेटू गुदवाया है। उन्हें 6 फरवरी 2015 को एक बेटी हुई जिसका नाम उन्होंने जीवा रखा। जब जीवा का जन्म हुआ था तो धोनी भारतीय कप्तान के रूप में वर्ल्डकप खेलने ऑस्ट्रेलिया गए हुए थे। और खेल पर ध्यान लगाने की वजह से वे अपने साथ फोन भी नहीं रखते थे। ऐसे में साक्षी ने बेटी के जन्म के बारे में क्रिकेटर सुरेश रैना को मैसेज करके बताया और रैना ने धोनी को बताया। बेटी के जन्म की खबर सुनकर वह काफी खुश थे, लेकिन अपने देश को वर्ल्डकप दिलाने और खत्म होने तक भारत नहीं लौटे।
किसी भी बल्लेबाज के लिए 5वें या 6वें नम्बर पर बल्लेबाजी करते हुए 10 हजार रन बनाना आसान काम नही है। साल 2019 में धोनी को इस मुकाम को हासिल करने के लिए मात्र एक रन की जरूरत थी। उन्होंने यह एक रन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी वनडे में लेकर 10,000 रनों का आंकड़ा पूरा किया। धोनी ने ये कीर्तिमान अपने 320वें मैच में बनाया। 10 हजार रन बनाने वाले वह भारत के चौथे और दुनिया के 12वें क्रिकेटर हैं। वहीं श्रीलंका के कुमार संगाकारा के बाद इस मुकाम तक पहुंचने वाले वह दूसरे विकेटकीपर हैं।
धोनी ने 5 अप्रैल 2004 को अपने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का पहला शतक विशाखापट्टनम के मैदान पर पाकिस्तान-ए टीम के खिलाफ लगाया था। धोनी तब इंडिया-ए टीम के लिए खेल रहे थे। बता दें कि बल्लेबाजी के लिहाज से धोनी के करियर की शुरूआत कुछ खास नहीं रही थी। अपने शुरूआती चार वनडे मैचों में माही बल्ले से कोई कमाल नहीं दिखा सके थे। इनमें से 3 बांग्लादेश और 1 मैच पाकिस्तान के खिलाफ हुआ था। 2004 में करियर के पहले वनडे मैच में तो वो शून्य पर रन आउट हो गए थे। इसके बाद के 3 मैचों में वो सिर्फ 22 रन बना सके। हर बार कुछ ऐसा हुआ कि माही का बल्ला नहीं चला। खुद धोनी मान चुके हैं कि उन्हें ये लगने लगा था कि, उनका करियर अब शायद इंटरनेशनल क्रिकेट में इतना ही है। और उन्हें टीम से बाहर होना पड़ेगा। लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 123 बॉल्स पर 15 चौके और 4 छक्के की मदद से 148 रन बनाए। इसके बाद धोनी का करियर कैसे बढ़ा वो दुनिया जानती है।
जब 31 अक्टूबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ जयपुर में खेले गए तीसरे वनडे मैच में भारतीय टीम 299 रन का पीछा कर रही थी। तब इस मैच में धोनी को नबंर 3 पर बैटिंग करने के लिए भेजा। धोनी ने 148 गेदों पर 183 रन बनाकर भारत को ये मैच जिता दिया। धोनी 210 मिनिट क्रीज पर रहे इस दौरान उनके बल्ले से 15 चौके, 10 छक्कों निकले माही 126.20 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे थे। साल 2006 में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान पाकिस्तान द्वारा पहली पारी में 588 रन बनाने के बाद भारतीय टीम ने इस लक्ष्य का पीछा करते हुए 603 रन बनाकर पाकिस्तान के साथ इस मैच को ड्रा कर दिया था। पाकिस्तान के फैसलाबाद स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में धोनी ने शानदार 148 रनों की पारी खेली थी। इस पारी में उन्होनें 19 चौके सहित 4 छक्के लगाए। आपको बता दें कि धोनी इस मैच में कप्तान नही थे।
यह दुनिया के किसी भी विकेटकीपर- बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है।
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म रांची झारखंड में हुआ था। धोनी के पिता का नाम पान सिंह और मां का नाम देवकी है। धोनी के पिता ने उत्तराखंड से रांची आकर प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरू किया। माही की एक बड़ी बहन भी हैं जिनका नाम जयंती है और एक बड़ा भाई है जिनका नाम नरेंद्र है। धोनी बचपन से ही किक्रेटर सचिन तेंदुलकर को अपना आर्दश मानते हैं। अगर बॉलीवुड की बात की जाए तो उनकी पहली पसंद महानायक अमिताभ बच्चन है। माही गायक लता मंगेशकर को भी बेहद पसंद करते हैं। बचपन से ही खेलों में अव्वल रहे धोनी श्यामली (रांची) के एक डीएवी स्कूल में पढ़ते थे। धोनी ने स्कूल में पढ़ाई के साथ बैडमिंटन और फुटबॉल में अपना हुनर आजमाया। वास्तव में वह स्कूल में अपनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। एक बार उन्हें उनके फुटबॉल कोच ने स्थानीय क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए भेजा था। इस मैच में ऐसा हुआ कि उन्होंने अपने विकेट-कीपिंग से हर किसी को प्रभावित किया। बेहतर प्रदर्शन के कारण धोनी को 1997-98 सीजन के वीनू मांकड ट्रॉफी अंडर-16 चैंपियनशिप में चुना गया दसवीं क्लास के बाद धोनी ने अपना ध्यान क्रिकेट में लगाना शुरू कर दिया। धोनी ने 2001 से 2003 तक दक्षिण रेलवे के खड़कपुर स्टेशन पर टीटीई (टिकट निरीक्षक) की नौकरी भी की थी।
महेंद्र सिंह धोनी एक भारतीय क्रिकेटर है, जिन्होंने 2007 से 2016 तक टीम इंडिया की कप्तानी की। और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में कप्तान रहे। धोनी दाएं हाथ के मध्य-क्रम के विकेट-कीपर बल्लेबाज़ हैं, उन्हें सीमित ओवरों में दुनिया का सबसे बड़ा फिनिशर माना जाता है। उन्होंने दिसंबर 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वनडे खेला। और एक साल बाद श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था।
किक्रेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को छोड़कर एमएस धोनी यकीनन सबसे लोकप्रिय खिलाड़ी हैं। एमएस धोनी ने 2004 में कैन्या के (नैरोबी) में इंडिया-ए टीम से खेलते हुए 50 ओवर के टूर्नामेंट में 2 शतक लगाए थे। लंबे बालों वाले निडर धोनी ने जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख लिया और अपनी शुरुआत के एक साल के भीतर ही वनडे मैचों में 148 और 183 की धाकड़ पारियां खेलते ही धोनी जन प्रिय बन गए। उन्हें किक्रेट प्रेमियों में ज्यादा महत्व दिया जाने लगा। उन्होंने किकेट के मैदान या फिर किसी भी क्षेत्र में कभी किसी का अपमान नहीं किया। उन्होंने अपने खेलने के तरीकों में तेजी से सुधार किया। और देखते ही देखते धोनी एक दिवसीय किक्रेट के मझें हुए बल्लेबाज बन गए। किक्रेट की दीवार माने जाने वाले राहुल द्रविड़ ने वनडे वर्ल्डकप 2007 में कप्तानी छोड़ दी थी। धोनी की कप्तानी में रहते हुए भारत ने आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2007, राष्ट्रमण्डल बैंक श्रृंखला (CB सीरीज) 2007-08, एशिया कप 2010, आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011, और आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी 2013 में जीत दर्ज की। उन्होंने यह सारी ट्राफियां भारत की झोली में डाल दीं।
हालांकि वह कभी-कभी टेस्ट में लंबे समय तक भारतीय टीम से बारह रहे। धोनी वर्षों से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वनडे बल्लेबाजों में से एक हैं। हालांकि 2011 में वनडे विश्वकप में धोनी ने 91 रन की नाबाद पारी खेली। जिसमें धोनी ने श्रीलंका के बॉलर नुवान कुलसेकरा की गेंद पर हेलीकॉप्टर शॉट से छक्का जड़ते हुए टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाया था। धोनी ने अपने नेतृत्व में एक नई टीम का निर्माण किया। धोनी के टेस्ट से कप्तानी छोड़ने के बाद विराट कोहली ने दिसंबर 2014 में ऐडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार कप्तानी की। मेलबर्न में तीसरे टेस्ट के बाद धोनी ने सबको चौंकाते हुए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। टीम इंडिया उस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। हालाँकि उनका खेल टेस्ट के अनुकूल नहीं था, धोनी सीमित ओवरों के क्रिकेटर के रूप में जाने जाते हैं।
2015 में होने वाले वनडे विश्वकप के सेमीफाइनल तक टीम को पहुंचाने में माही का अहम योगदान रहा था। इसके एक साल बाद उनकी कप्तानी में इंडिया ने बांग्लादेश में टी-20 एशिया कप जीता। लेकिन 2016 में ही हुए टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंडिया बाहर हो गई थी। धोनी ने फिनिशर के रूप में कई बड़े और जरूरी मैच भारतीय टीम को जितवाए। 38 साल की उम्र में भी धोनी किसी युवा खिलाड़ी की तरह ही फिट हैं। 4 जनवरी 2017 को धोनी ने वनडे और टी20 क्रिकेट की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था। वहीं 2008 से शुरू हुए IPL (इंडियन प्रीमीयर लीग) में धोनी ने एक फ्रैंचाइज़ी टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का प्रतिनिध्तव किया। लेकिन 2016 में चेन्नई सुपर किंग्स पर दो सीज़न के लिए बैन लगा दिया गया था। उसके बाद माही दो साल के लिए राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के कप्तान बने थे। 2019 में बैन हटते ही माही फिर से चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान बनाए गए।
पूरा नाम - महेंद्र सिंह धोनी
जन्म स्थान - 7 जुलाई 1981 रांची बिहार (अब झारखंड)
वर्तमान आयु - 38 वर्ष
कद - 5 फीट 11 इंच (180 सेमी)
शिक्षा - बी-कॉम ग्रेज्यूएट - सैंट जेवियर कॉलेज, रांची
निक नेम - माही, एमएस, कैप्टन कूल
भूमिका - विकेटकीपर, बल्लेबाज
बैटिंग स्टाइल - राइट हैंड बैट
बॉलिंग स्टाइल - राइट-आर्म मीडियम
प्रमुख टीमें - भारत, एशिया इलेवन, बिहार, चेन्नई सुपर किंग्स, झारखंड, राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स
वनडे डेब्यू - 23 दिसंबर 2004 - vs बांग्लादेश
टी-20 डेब्यू -1 दिसंबर 2006 - vs दक्षिण अफ्रीका
टेस्ट डेब्यू - 2 दिसंबर 2005 - vs श्रीलंका
Created On :   15 Feb 2020 2:08 PM IST