BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली का खुलासा, भारतीय खिलाड़ियों को डर था कि वो भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं
- खिलाड़ियों के खेलने से मना करने के दो घंटे बाद मैच को पोस्टपोन करने का फैसला लिया गया
- फिजियो योगेश परमार का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद खिलाड़ी डर गए थे
- सौरव गांगुली ने बताया मैनचेस्टर टेस्ट पोस्टपोन क्यों किया गया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले हफ्ते मैनचेस्टर टेस्ट से पहले फिजियो योगेश परमार का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद खिलाड़ियों ने मैच खेलने से मना कर दिया था। इसके दो घंटे बाद मैच को पोस्टपोन करने का फैसला लिया गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने इसका खुलासा किया है। परमार से पहले मुख्य कोच रवि शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर का भी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था।
गांगुली ने द टेलीग्राफ को बताया "खिलाड़ियों ने खेलने से इनकार कर दिया लेकिन आप उन्हें दोष नहीं दे सकते। फिजियो योगेश परमार खिलाड़ियों के क्लोज कॉन्टेक्ट में थे। नितिन पटेल के खुद को आइसोलेट करने के बाद केवल वे ही खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध थे। ऐसे में उन्होंने ही खिलाड़ियों का कोविड-19 टेस्ट किया। वह उन्हें मसाज भी देते थे। वह खिलाड़ियों के दैनिक जीवन का हिस्सा थे।
गांगुली ने कहा, "खिलाड़ियों को जब पता चला कि योगेश परमार का कोविड-19 का टेस्ट पॉजिटिव आया है तो उन्हें झटका लगा। उन्हें डर था कि वे भी इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं। खिलाड़ियों के लिए बायाबबल में रहना आसान नहीं था। बेशक, आपको उनकी भावनाओं का सम्मान करना होगा।" गांगुली अब मैनचेस्टर टेस्ट की संभावित रिशेड्यूलिंग पर चर्चा करने के लिए 22 सितंबर को यूनाइटेड किंगडम जाएंगे।
शास्त्री, अरुण और श्रीधर के बुधवार को भारत के लिए रवाना होने की संभावना है, बशर्ते उनके प्रस्थान की तारीख से पहले उनकी आरटी-पीसीआर की दो रिपोर्ट निगेटिव हों। शास्त्री का ओवल में चौथे टेस्ट से पहले कोविड-19 का टेस्ट पॉजिटिव आया था। 4 सितंबर से वो क्वारंटीन में हैं और उम्मीद है कि सोमवार को अरुण और श्रीधर के साथ उनका 10-दिवसीय आइसोलेशन पीरियद पूरा हो जाएगा।
जूनियर फिजियो योगेश परमार, का 8 सितंबर को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव टेस्ट आया था। ऐसे में उन्हें अभी कुछ और दिन क्वारंटीन में रहना होगा।
Created On :   13 Sept 2021 5:30 PM IST