क्रिकेट: डेविड वॉर्नर ने बताया विराट कोहली और स्टीव स्मिथ में क्या है बड़ा अंतर

David Warner feels, Drive to succeed different for Virat Kohli and Steve Smith
क्रिकेट: डेविड वॉर्नर ने बताया विराट कोहली और स्टीव स्मिथ में क्या है बड़ा अंतर
क्रिकेट: डेविड वॉर्नर ने बताया विराट कोहली और स्टीव स्मिथ में क्या है बड़ा अंतर

डिजिटल डेस्क, सिडनी। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर का मानना है कि, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और स्टीव स्मिथ समान रूप से अपनी टीमों का मनोबल बढ़ाते हैं। लेकिन दोनों का बल्लेबाजी का जज्बा और जुनून एक दूसरे से अलग है। वॉर्नर ने कहा कि, दोनों अपने-अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं तो वे जुनून से प्रेरित होते हैं। वॉर्नर ने क्रिकबज पर कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ बातचीत में यह बात कही है। 

विराट का जुनून और जज्बा स्टीव की तुलना में अलग
वॉर्नर ने कहा, इसमें कोई दो राय नहीं कि कोहली और स्मिथ मौजूदा समय के 2 टॉप क्रिकेटर हैं। ये दोनों लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। जिससे इन दोनों में से बेहतर कौन है इस पर बहस होती रहती है। उन्होंने कहा, विराट का रन जुटाने का जुनून और जज्बा स्टीव की तुलना में अलग है। उन्होंने कहा कि कोहली विपक्षी टीम को कमजोर करने के लिए रन जुटाते हैं। जबकि स्मिथ अपनी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाते हैं। उन्होंने कहा, स्टीव क्रीज पर गेंद को हिट करने के लिए जाते हैं, वह ऐसे ही चीजों को देखते हैं। वह क्रीज पर जमकर गेंदों को हिट करना चाहते हैं, वह आउट नहीं होना चाहते। वह बल्लेबाजी का आनंद लेते हैं।

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वॉर्नर ने कहा, मुझे लगता है कि कोहली इस बात से वाकिफ हैं कि अगर वह क्रीज पर बने रहेंगे तो उनकी टीम टॉप पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा, विराट निश्चित रूप से आउट नहीं होना चाहते। वह जानते हैं कि अगर वह कुछ समय क्रीज पर बिताएंगे तो वह तेजी से काफी रन जुटा लेंगे। वह आप पर हावी होने की कोशिश करेंगे। इससे आने वाले खिलाड़ी को मदद मिलती है। 

कोहली और स्मिथ मानसिक रूप से काफी मजबूत
वॉर्नर ने कहा कि, दोनों खिलाड़ी मानसिक रूप से काफी मजबूत हैं और अगर वे एक अच्छी पारी खेलते हैं तो इससे पूरी टीम का मनोबल बढ़ता है। उन्होंने कहा, जब क्रिकेट की बात आती है तो दोनों मानसिक रूप से काफी मजबूत हैं। दोनों क्रीज पर समय बिताकर रन जुटाना पसंद करते हैं। वॉर्नर ने कहा, अगर वे रन जुटाते हैं तो उनका मनोबल बढ़ने के साथ पूरी टीम का भी मनोबल बढ़ता है। अगर वे सस्ते में आउट हो जाते हैं तो मैदान पर सभी को ऐसा महसूस होता है कि अब हम सभी को अच्छा करना होगा। यह बहुत ही विचित्र स्थिति होती है।

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वॉर्नर ने कहा, जाहिर सी बात है कि, मैं विराट के लिए नहीं बोल सकता। लेकिन यह लगभग ऐसा ही है कि जब हम मैदान में जाते हैं तो हमें कुछ लोगों को गलत साबित करने की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, अगर आप मुकाबले में हैं तो, उदाहरण के लिए, आप सोचते हैं, ठीक है, मैं उनसे अधिक रन बनाने जा रहा हूं। मैं उस पर तेजी से एक सिंगल लेने जा रहा हूं। आप उनसे बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं, जोकि मैच में होता है। यह चीज जुनून से आती हैं। सलामी बल्लेबाज ने साथ ही बताया कि जब भी भारत और ऑस्ट्रेलिया एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबला करते हैं तो छोटे-छोटे मुकाबले भी बड़े मुकाबले में बदल जाते हैं।

वॉर्नर ने कहा, निश्चित रूप से, आप मैच जीतना चाहते हैं, लेकिन आप ऐसे चीजों को नहीं मानते हैं। अगर आप विराट से ज्यादा रन बना सकते हैं या अगर पुजारा, स्टीव स्मिथ से ज्यादा रन बना सकते हैं, तो आपके पास ऐसे छोटे मुकाबले होते हैं। इसलिए आप खेल को इस अर्थ में लेने का प्रयास करते हैं कि हम इन छोटी छोटी चीजों को करते हैं। तो हम मैच में आगे हो सकते हैं।

Created On :   6 May 2020 3:44 PM IST

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