टी-20 वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाने पर चहल का छलका दर्द, कप्तान और कोच को लेकर कही यह बात!
- चहल 2002 में नेशनल चेस चैम्पियन हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हालही में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा हैं। टीम ने ग्रुप स्टेज में खेले गए 5 में से 4 मुकाबले जीतकर नॉक आउट राउंड में प्रवेश किया। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के हाथों 10 विकेटों से मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम के सेलेक्शन से लेकर खेलने के तरीके पर कई सवाल उठ रहे हैं। इन्हीं सवालों में से एक सवाल यह भी था कि अनुभवी और चालाक लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को प्लेइंग-11 में क्यों शामिल नहीं किया गया?
लगातार दो टी-20 वर्ल्ड कप में नहीं मिला मौका
पहले पीछले साल यूएई खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में टीम में शामिल नहीं करना और फिर इस वर्ल्ड कप में प्लेइंग-11 में शामिल ना होने पर चहल ने अपना दर्द बयां किया है। एक शो के दौरान यूजी से वर्ल्ड कप में मौका नहीं मिलने को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा, "टीम कॉम्बिनेशन होता है, यह टीम गेम होता है। अश्विन और अक्षर भाई थे और सभी अच्छा कर रहे थे। बाकी यह मेरे हाथ में नहीं है। कोच और रोहित भाई से क्लियर था, सभी ने मुझे तैयार रहने के लिए कहा था। मैं भी पूरी तरह तैयार था कि कभी भी मैच में मौका मिल सकता है।"
चहल ने आगे कहा, "दो टी20 वर्ल्ड कप नहीं खेल सका, तो क्या हुआ 2019 में वनडे वर्ल्ड कप तो खेला था। टीम इंडिया के लिए खेलना ही गर्व की बात होती है। मैं बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता हूं। अगले साल वनडे वर्ल्ड कप होना है और मैं उसकी तैयारी में लगा हुआ हूं।"
वर्ल्ड कप जीतने पर शुरु किया क्रिकेट खेलना
चतुर-चालाक चहल के नाम से जाने जाने वाले युजवेंद्र चहल ने इस शो के दौरान चेस को छोड़कर प्रोफेशनल रुप में क्रिकेट खेलने की शुरुआत के बारे में भी बताया। चहल ने कहा, " साल 2002 में ग्रीस में जाकर मैं अंडर-11 नेशनल चेस चैम्पियन बना था। तब मैं क्रिकेट को काफी मिस कर रहा था इसलिए मैंने अपने पिता से क्रिकेट खेलने के बारे में पूछा। तब उन्होंने कहा था कि एक बार टीम चैम्पियन बन जाए, तब देखेंगे। फिर भारत 2011 में वर्ल्ड चैम्पियन बनी। जिसके बाद मेरा क्रिकेट सफर शुरू हुआ।
Created On :   9 Dec 2022 7:50 PM IST