IPL Sponsor: BCCI ने कहा- IPL में VIVO के साथ नहीं कर सकते करार खत्म
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में चीनी सेना के साथ जारी गतिरोध के बीच देशभर में चीनी सामानों को बॉयकॉट करने की मांग तेज हो गई है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनी वीवो आईपीएल की स्पॉन्सर है। बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते हैं। हालांकि बीसीसीआई साफ कह चुका है कि उसकी फिलहाल वीवो के साथ अपने संबंध को समाप्त करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि चीनी कंपनी से आने वाला पैसा भारत की अर्थव्यवस्था की मदद कर रहा है।
VIVO के साथ पांच साल का करार
VIVO ने 2017 में पांच साल की अवधि के लिए IPL टाइटल के अधिकार हासिल किए थे। कंपनी ने इस सौदे को रिकॉर्ड 2,199 करोड़ (288 मिलियन डॉलर) में किया था। BCCI अधिकारी ने कहा कि आईपीएल और VIVO के बीच अनुबंध पर उनके पूर्ववर्तियों (predecessors) ने हस्ताक्षर किए गए थे जोकि पांच साल के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक चीन विरोधी भावना का सवाल है, वह और बोर्ड सभी चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि उनके और बीसीसीआई के लिए, देश हमेशा "पहले स्थान पर" आता है।
जज्बाती तौर पर बात करने से तर्क पीछे रह जाता है
अरुण धूमल ने शुक्रवार कहा, "जज्बाती तौर पर बात करने से तर्क पीछे रह जाता है। हमें समझना होगा कि हम चीन के हित के लिए चीनी कंपनी के सहयोग की बात कर रहे हैं या भारत के हित के लिए चीनी कंपनी से मदद ले रहे हैं। जब हम भारत में चीनी कंपनियों को उनके उत्पाद बेचने की अनुमति देते हैं, तो जो भी पैसा वे भारतीय उपभोक्ता से ले रहे हैं, उसमें से कुछ बीसीसीआई को ब्रांड प्रचार के लिए दे रहे हैं और बोर्ड भारत सरकार को 42 फीसदी टैक्स चुका रहा है। ऐसे में यह करार चीन के नहीं, बल्कि भारत के फायदे में है।
एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा विवाद
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पांगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली। इसके बाद से चीन के सामानों का बॉयकॉट करने की मांग तेज हो गई है।
Created On :   19 Jun 2020 3:31 PM IST