Border-Gavaskar Trophy: प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन में गावस्कर को न बुलाए जाने पर हुआ विवाद, लिटिल मास्टर के भड़कने पर सुधारी गलती

प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन में गावस्कर को न बुलाए जाने पर हुआ विवाद, लिटिल मास्टर के भड़कने पर सुधारी गलती
  • बॉर्डर-गावस्कर सीरीज हुई समाप्त
  • मेजबान टीम ने सीरीज पर 3-1 से जमाया कब्जा
  • दस साल ट्रॉफी की अपने नाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज रविवार को समाप्त हो गई। मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज को 3-1 से जीत लिया। सीरीज समाप्ति के बाद प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन में उस समय विवाद हो गया, जब विजेता टीम को ट्रॉफी देने के लिए भारत के पूर्व ओपनर सुनील गावस्कर को नहीं बुलाया गया। हालांकि विवाद बढ़ने पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी गलती मान ली है।

दरअसल, विनिंग टीम को पाइज देने के लिए केवल एलन बॉर्डर को बुलाया गया। जबकि सुनील गावस्कर वहां से कुछ ही दूरी पर खड़े हुए थे, लेकिन उन्हें इस समारोह के लिए नहीं बुलाया गया। इसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले की कड़ी आलोचना की गई।

इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने बयान जारी करते हुए कहा, 'गावस्कर को पता था कि अगर भारतीय टीम सिडनी टेस्ट जीत जाती और ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखती तो वे भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह को पुरस्कार प्रदान करते। हम मानते हैं कि अगर एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर दोनों मंच पर होते तो यह बेहतर होता।'

गावस्कर ने जताई थी नाराजगी

भारत के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कोड स्पोर्ट्स से बता करते हुए कहा, 'मुझे पुरस्कार वितरण समारोह में जाकर खुशी होती। आखिरकार यह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी है। जो कि ऑस्ट्रेलिया और भारत से जुड़ी है। मैं मैदान पर ही था। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया को दी जा रही थी। उन्होंने बेहतर क्रिकेट खेला और जीते। ठीक है। सिर्फ इसलिए कि मैं एक भारतीय हूं। अपने अच्छे दोस्त एलन बॉर्डर के साथ ट्रॉफी प्रदान करके मुझे खुशी होती।'

बता दें कि इस ट्रॉफी का नाम ऑस्ट्रेलिया और भारत के दो दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज एलन बॉर्डर और सुनील गावस्कर के नाम पर रखा गया है। इस ट्रॉफी का नाम साल 1996 में बदला गया था। उस समय ऑस्ट्रेलिया से एलन बॉर्डर और भारत से सुनील गावस्कर का नाम ही इसके लिए सबसे उपयुक्त पाया गया। तब केवल इन दोनों ही प्लेयर्स के खाते में 10 हजार से ज्यादा टेस्ट रन थे। इसी कारण भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया था।

Created On :   6 Jan 2025 12:40 AM IST

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