- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- शहडोल
- /
- कार्यपालिका की रीढ़ कर्मचारियों को...
Shahdol News: कार्यपालिका की रीढ़ कर्मचारियों को कमजोर कर रही सरकार

- प्रेसवार्ता में कर्मचारी नेताओं ने कहा-आंदोलन के तीसरे चरण में 7 को प्रदेश भर मेें धरना प्रदर्शन
- लगातार मांग और आंदोलनों के बाद भी संवादहीनता बनाकर रखा जाता है।
- अनुकंपा नियुक्ति जैसे मानवीय मामलों में भी असंवेदनशीलता दिखाई जा रही है।
Shahdol News: अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। तीसरे चरण में 7 फरवरी को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में होने वाले धरना प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर रविवार को चर्चा के साथ ही प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इस दौरान भोपाल से आए मोर्चा के प्रांतीय महामंत्री विजय मिश्रा ने कहा कि कर्मचारी कार्यपालिका की रीढ़ माने जाते हैं, इसके बाद भी सरकार द्वारा कर्मचारियों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
लगातार मांग और आंदोलनों के बाद भी संवादहीनता बनाकर रखा जाता है। अनुकंपा नियुक्ति जैसे मानवीय मामलों में भी असंवेदनशीलता दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अनेक ऐसे मामले में जिनमें हाई कोर्ट और उच्चतम न्यायालयों का पालन सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा। उन्होंने बताया कि पदोन्नति, महंगाई, नियमितीकरण आदि 51 सूत्रीय मांगों को लेकर 7 फरवरी को प्रदर्शन के बाद ज्ञापन सौंपा जाएगा।
इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो 16 फरवरी भोपाल में प्रदर्शन होगा। पेशनर्स संघ के पदाधिकारी रविकरण त्रिपाठी ने कहा कि संघ कर्मचारियों की मांगों को लेकर उनके साथ है। इस मौके पर मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामलाल पांडेय, रवि शुक्ला, प्रदीप द्विवेदी, आरपी सिंह, सत्यनारायण मिश्रा, अखिलेश्वर पांडेय, सुरेश पांडेय सहित अन्य मौजूद रहे।
कलेक्टर कर रहे अधिकारों का दुरुपयोग
प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा कि शासन द्वारा दिए गए कुछ अधिकारों का कई जिलों के कलेक्टर्स द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। कर्मचारियों का निलंबन, वेतन वृद्धि रोकने या अन्य कार्रवाई बिना जवाब का अवसर दिए और जांच के बिना ही कर दिया जाता है। यही कारण है कि कलेक्टरों को दिए गए लघु शस्ति के अधिकार समाप्त किए जाने संबंधी पत्र शासन को दिया जा चुका है।
Created On :   3 Feb 2025 2:33 PM IST