सिवनी: जमीन में दफन बबरिया नहर के सीमांकन से हड़कंप, राजस्व व नगर पालिका की टीम ने शुरु की नापजोख

जमीन में दफन बबरिया नहर के सीमांकन से हड़कंप, राजस्व व नगर पालिका की टीम ने शुरु की नापजोख
  • जमीन में दफन बबरिया नहर के सीमांकन से हड़कंप
  • राजस्व व नगर पालिका की टीम ने शुुरु की नापजोख
  • मकानों-दुकानों में लगाए गए लाल निशान

डिजिटल डेस्क, सिवनी। तीन दशक पहले तक शहर के भीतर अस्तित्व में रही बबरिया नहर का सीमांकन शुरु होने से शनिवार को हडक़ंप मच गई। कलेक्टर क्षितिज सिंघल के निर्देश पर तहसीलदार मीना दशरिये द्वारा गठित आरआई-पटवारियों की टीम ने नगर पालिका के अमले के साथ बबरिया रोड पर प्रकाश कालोनी के पास से नाप-जोख की शुरुआत की। दोपहर बाद पानी बरसने के बावजूद नाप-जोख जारी रही। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान भी मौके पर पहुंचे और अपने सामने भी सीमांकन कराया। सीमांकन के पहले ही दिन कई निर्माण जमीन में दफन हो चुकी नहर के ऊपर पाए गए हैं। इनमें मकानों के साथ ही दुकानें, बाउण्ड्रीवाल, आगे बढक़र किए गए निर्माण भी शामिल हैं। नहर भूमि का सीमांकन प्रारंभ होने के अतिक्रमणकारियों में अफरातफरी की स्थिति रही।

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इस दौरान सडक़ से गुजर रहे लोग व वाहन चालक भी रूक-रूक कर सीमांकन की कार्रवाई देखने के साथ ही यह पूछताछ करते रहे कि टेप से नाप-जोख कर लाल पेंट से निशान क्यों लगाए जा रहे हैं। कई तो यह जानकर आश्चर्य जताते रहे कि किसी समय यहां से नहर भी गुजरी थी। गौरतलब है कि कांग्रेस की नगर सरकार ने दशकों पहले अंग्रेजों के जमाने में बबरिया तालाब से सडक़ किनारे एसपी बंगले के बगल से होते हुए कंपनी गार्डन तक आई बबरिया नहर का सीमांकन कराने का निर्णय लिया था। हालांकि तीन दशक पहले तक अस्तित्व में रही यह नहर वर्तमान में पूरी तरह से गायब हो चुकी है और नहर के ऊपर दर्जनों मकान-दुकान आदि निर्माण कर लिए गए हैं। जानकारों के अनुसार कंपनी गार्डन तक आई नहर के पानी से दलसागर तालाब तक को भरा जाता था और दलसागर तालाब ओवरफ्लो होता था तो उसके पानी से बुधवारी तालाब भी भरता था।

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8 फिर 16 मीटर चौड़ी नहर का पांच फिट हिस्सा तक नहीं मिला

तहसीलदार द्वारा सीमांकन के लिए गठित टीम में शामिल राजस्व निरीक्षक नजूल हिम्मत सिंह सनोडिया, राजस्व निरीक्षक सिवनी-2 रतनशाह उइके, राजस्व निरीक्षक बण्डोल धीरेन्द्र गुमास्ता, पटवारी पुरूषोत्तम शिव, शिव उइके व नीतेश तिवारी दोपहर 12 बजे के लगभग प्रकाश कालोनी के गेट के पास पहुंचे। इसके बाद नगर पालिका का अमला, सब इंजीनियर भी आ गए, जिसके पश्चात नापजोख शुरु हुई। राजस्व निरीक्षक रतनशाह उइके के अनुसार 20 मीटर सडक़ व एसपी बंगले तक रिकार्ड में मौजूद 8 मीटर नहर के लिए सीमांकन किया गया। एसपी बंगले के बगल से बाबूजी नगर होते हुए कंपनी गार्डन तक रिकार्ड में नहर की चौड़ाई 16 मीटर बताई जा रही। शनिवार को प्रकाश कालोनी से एसपी बंगले के बगल वाले हिस्से में सीमांकन किया गया। इस दौरान कई निर्माण नहर के ऊपर बने पाए गए, जिनमें कुछ माह पूर्व प्रारंभ हुए एक हॉस्पिटल की बाउण्ड्रीवाल का हिस्सा भी शामिल है। सीमांकन के दौरान पहले दिन एसपी बंगले के बगल तक आई 8 मीटर चौड़ी फिर 16 मीटर चौड़ाई वाली नहर का पांच फिट हिस्सा तक नहीं मिला। सीमांकन के दौरान नहर के ऊपर या तो निर्माण पाए गए या फिर नहर को पाटकर बनाई गई सडक़ मिली।

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नहर के ऊपर बने निर्माणों में बैंक तक शामिल

कभी अस्तित्व में रही बबरिया नहर पर दर्जनों मकान आदि बन गए हैं। इनमें कई दुकानें भी शामिल हैं। यह तक बताया जा रहा कि नहर पाटकर किए गए निर्माणों में बैंक तक संचालित हो रहे हैं। 9 जनवरी को हुए नगर पालिका के साधारण सम्मिलन में सर्वसम्मति से नहर का सीमांकन कराने का निर्णय पारित हुआ था। सम्मिलन में तय किया गया था कि जमीन में दफन हो चुकी नहर के ऊपर अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माणों को तोड़ा जाएगा। इसके बाद नगर पालिका सीएमओ आरके कुर्वेती ने तहसीलदार को सीमांकन के लिए पत्र लिखा था। हालांकि अब नगर सरकार नहर के ऊपर निर्माण करने वालों को उतनी जगह लीज पर देकर व खाली मिलने वाली जगह पर दुकान आदि बनाकर अपनी आय बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।

इनका कहना है-

बबरिया नहर की भूमि पर कब्जा कर किए गए अवैध निर्माणों को तोडऩे की कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो ब्लास्ट कर अवैध निर्माण ढहाया जाएगा।

- शफीक खान, अध्यक्ष, नगर पालिका सिवनी

Created On :   17 March 2024 4:39 AM GMT

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