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10वीं बोर्ड परीक्षा: माध्यमिक शिक्षा मंडल के नए फार्मूले ने बिगाड़ी बैठक व्यवस्था
- जमीन में बैठकर परीक्षार्थियों को देना पड़ा एग्जाम
- माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा के 10 दिन पहले सिटिंग प्लान के लिए नए नियम का आदेश भेजा गया था
- केन्द्राध्यक्षों को दिए गए प्रशिक्षण में भी ऐसी चेकिंग के निर्देश नहीं थे।
डिजिटल डेस्क,सतना। माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं बोर्ड परीक्षा की शुरुआत सोमवार को हिन्दी के प्रश्न-पत्र के साथ हुई। परीक्षा तो शुरू हुई पर मंडल द्वारा बनाए गए नए नियम ने बैठक व्यवस्था की हवा निकाल दी।
चित्रकूट के कामता हायर सेकंड्री स्कूल परीक्षा केन्द्र में सुरेन्द्रपाल हायर सेकंड्री स्कूल के 60 विद्यार्थियों को जमीन पर बैठकर परीक्षा देनी पड़ी। महीनों से तैयारी कर रहे शिक्षा मोहकमे के अधिकारी चाहकर भी फर्नीचर की व्यवस्था नहीं करा पाए, वजह थी परीक्षा केन्द्रों में स्थानाभाव।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा के 10 दिन पहले सिटिंग प्लान के लिए नए नियम का आदेश भेजा गया था, जिसके अनुसार 20, 40 एवं 60 छात्रों के मान से परीक्षा कक्ष में फर्नीचर की व्यवस्था करनी थी।
किसी कक्ष में 20 से ज्यादा और 40 से कम क्षमता है तो वहां 20 ही छात्रों को बैठाना था, ऐसे में शेष बचा फर्नीचर किसी काम का नहीं था।
इसके अलावा इस मान से फर्नीचर की सेटिंग करने में जगह का भी अभाव हो रहा था, जिसके चलते अधिकांश परीक्षा केन्द्रों में फर्नीचर होते हुए भी छात्रों को जमीन पर बैठकर परीक्षा देनी पड़ी। डीईओ ने कहा कि आगामी सत्र में होने वाली परीक्षा में केन्द्रों की संख्या में इजाफा किया जाएगा, तभी इस समस्या का समाधान हो पाएगा।
बनाया गया एक नकल प्रकरण
परीक्षा शुरू होने के साथ ही शासकीय सीएम राइज स्कूल मझगवां में एक नकल प्रकरण केन्द्राध्यक्ष द्वारा बनाया गया। बताया गया कि परीक्षा के लिए 29 हजार 562 परीक्षार्थी पंजीकृत किए गए थे, जिसमें से परीक्षा में 28 हजार 983 परीक्षार्थी शामिल हुए और 579 परीक्षार्थी अनुपस्थित पाए गए।
पहली बार उतरवाए गए जूते
यह पहला वाकया था कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं बोर्ड परीक्षा में गिनती के कुछ केन्द्रों में चेकिंग के नाम पर उनके जूते-मोजे भी कक्ष के बाहर उतरवा लिए गए थे। शासकीय हायर सेकंड्री स्कूल महारानी लक्ष्मीबाई एवं शासकीय हाईस्कूल सोहावल में छात्रों के जूते कक्ष के बाहर उतरवाए गए, जबकि डीईओ ने बताया कि मुख्य गेट एवं कक्ष के बाहर सिर्फ चेकिंग के आदेश दिए गए थे। केन्द्राध्यक्षों को दिए गए प्रशिक्षण में भी ऐसी चेकिंग के निर्देश नहीं थे। इसके बाद भी पीएससी परीक्षा की तर्ज पर जूते-मोजे उतरवाए गए।
9वीं की छात्रा ने दी दिव्यांग की परीक्षा
शासकीय एमएलबी स्कूल परीक्षा केन्द्र में 10वीं कक्षा के दिव्यांग परीक्षार्थी की परीक्षा 9वीं की छात्रा ने दी। छात्र द्वारा प्रश्न-पत्रों के उत्तर बताए जा रहे थे, जिसे छात्रा लिख रही थी। केन्द्र में अलग से दिव्यांग छात्र की व्यवस्था परीक्षा देने के लिए की गई थी।
इनका कहना है
अक्टूबर के महीने में 92 परीक्षा केन्द्रों की सूची मंडल द्वारा मंजूर कर दी गई थी।
10 दिन पहले सिटिंग प्लान का आदेश भेजा गया, जिसके कारण फर्नीचर और स्थान का अभाव हो गया। छात्रों की चेकिंग मुख्य गेट एवं कक्ष के बाहर करनी है।
नीरव दीक्षित डीईओ, सतना
जो छात्र पूरे सत्र में फर्नीचर में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें जमीन पर बैठा दिया गया। स्थिति यह थी कि उनसे लिखते भी नहीं बन रहा था। केन्द्राध्यक्ष को स्कूल से फर्नीचर देने को भी कहा है पर उनके द्वारा जवाब दिया गया कि आप फर्नीचर लेकर स्वयं आएं।
मदन तिवारी प्राचार्य, सुरेन्द्रपाल स्कूल
परीक्षा में पहले से नहीं बताया गया कि जमीन में बैठकर एग्जाम देना है। बगैर पैड के विद्यार्थी परीक्षा केन्द्र पहुंच गए। इस उम्मीद से कि टेबिल-कुर्सी में बैठकर परीक्षा देनी है, लेकिन अचानक केन्द्राध्यक्ष द्वारा छात्रों को जमीन में बैठा दिया गया।
शिवानंद द्विवेदी अभिभावक
Created On :   6 Feb 2024 5:45 PM IST