दो हादसों में तीन लोगों की मौत: क्रेशर गिट्टी के पत्थर की खुदाई से बनीं गहरी खदान में मौत की चट्टानें, ठेकेदार की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार फिर भी खामोश

क्रेशर गिट्टी के पत्थर की खुदाई से बनीं गहरी खदान में मौत की चट्टानें, ठेकेदार की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार फिर भी खामोश
  • क्रेशर गिट्टी के पत्थर की खुदाई से बनीं गहरी खदान में मौत की चट्टानें
  • दो हादसों में तीन लोगों की हो चुकी है मौत
  • ठेकेदार की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार फिर भी खामोश

डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। पहाडीखेरा से दो किलोमीटर दूर बुचुआ नाला की जमीन में पत्थर मौजूद होने पर गिट्टी बनाने के लिए पन्ना पहाडीखेरा सडक़ मार्ग निर्माण करने वाले ठेकेदार द्वारा क्रेशर प्लान्ट लगाकर गिट्टी के पत्थर के लिए खुदाई का कार्य करवाया गया था। जिससे लंबा-चौड़ा करीब २५ फुट गहरा गड्ढा बना गया। बरसात होने के बाद जो कि पानी से लबालब भर गया है। के अंदर मौजूद चट्टानें जो लोग नहाने के लिए कूदते है उनके लिए मौत की चट्टाने बन गई हैं। बुचुआ नाला के किनारे पत्थरों की खुदाई के बाद बने इस गहरे गढ्ढे में एक पखवाड़े के दौरान दो हादसो में एक बालक सहित कुल तीन की जान गहरे गड्ढे के अंदर मौजूद चट्टानो में फंस जाने के साथ ही पानी में डूब जाने के साथ हो चुकी थी। पहली घटना दिनांक ७ अगस्त को घटित हुई थी जिसमें १८ वर्षीय युवक मनोज उर्फ नरेन्द्र वर्मा पिता सतीश कुमार वर्मा नहाते वक्त गहरे गड्ढे की चट्टानो में फंस जाने के बाद पानी में डूबकर मृत हो गया हो था इसके ठीक १५ दिन बाद दिनांक २२ अगस्त को दूसरी दुखद घटना घटित हुई। बने इसी गड्ढे में ग्राम जुमनहाई निवासी २२ वर्षीय सुरेशपाल पिता धीरापाल एवं उसके भांजे रोहित पाल उम्र १७ वर्ष निवासी ग्राम उमरईया की मौत हो गई थी।

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गढ्ढे के अंदर पानी के नीचे नजर न आने वाली चट्टानें जिनमें नहाने के लिए गड्ढे के पानी में कूदने अथवा उतरने के दौरान चट्टानो में पैर आदि फंस जाने से दो दुखद हादसो में एक पखवाडे के अंदर तीन लोगों की जान जा चुकी है परंतु मौत का कारण बने इस तरह पानी से लबालब गड्ढे से लोगों की सुरक्षा को लेकर तमाम जानकारियां व तथ्य आने के बाद भी जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है और न ही सुरक्षा की दृष्टि से अब तक तीन मौते हो जाने के बाद भी कोई कदम उठाये गए हैं। प्रशासन सुरक्षा को लेकर कितना जिम्मेदार है इस पर भी सवाल खड़े हो रहे है बुचुआ नाला की जमीन में सडक़ का ठेकेदार गिट्टी के लिए पत्थर की खुदाई करने के बाद गहरे और लंबे-चौड़े गड्ढे को जस की तस स्थिति में अपना काम पूरा करने के बाद चला गया है और यह ठेकेदार की लापरवाही लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। जानकारों का कहना है कि खनिज विभाग द्वारा जब किसी ठेकेदार को पत्थर इत्यादि खनन के लिए अनुमति जारी की जाती है तो उसमें यह निर्धारित किया जाता है कि संबंधित ठेकेदार जिसे खनन की परमिशन दी गई है उसे गडढे को पूरी तरह से समतल करते हुए पाटना होगा जिससे किसी भी प्रकार की कोई घटना न हो किन्तु ठेकेदार द्वारा यह जानते हुए गड्ढे के साथ उसमें चट्टाने हैं।

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जिसमें जब गड्ढों में पानी भरेगा और उसमें किसी के गिरने अथवा नहाने तैरने के दौरान इस तरह की चट्टानो से अप्रिय घटनायें घटित हो सकती हैं। गड्ढे की समुचित रूप से भराई करने का कार्य नही किया गया है। इस समाचार पत्र द्वारा दोनो घटनाओ के मामलें में बरती गई लारवाही को शासन-प्रशासन तथा पुलिस की संज्ञान में भी लाया जा चुका है परंतु दोनों हादसों के मामलो में ठेकेदार की लापरवाही के तमाम तथ्य सामने आने के बाद भी पुलिस ने इसको लेकर जांच नहीं की है और प्रशासन की ओर से भी ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई इसकी जानकारी सामने नही आई है इतना ही नही प्रशासन द्वारा दो हादसो में तीन की मौत हो जाने के बावजूद कोई सुरक्षात्मक कदम भी नही उठाये है। जिससे प्रशासन कितना जिम्मेदार है इस पर भी बडा सवाल है। और ऐसे लगता है प्रशासन तथा जिम्मेदार फिर एक हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

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Created On :   28 Aug 2024 11:22 AM IST

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