Panna News: राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा का प्रयास करने वाले भू-माफियाओं पर रेंजर ने की कार्यवाही की मांग

राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा का प्रयास करने वाले भू-माफियाओं पर रेंजर ने की कार्यवाही की मांग
  • राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा का प्रयास करने वाले भू-माफियाओं पर रेंजर ने की कार्यवाही की मांग
  • पुलिस अधीक्षक को अजयगढ रेंजर ने लिखा पत्र
  • माफियाओं के निशाने पर रेंजर

Panna News: जिले में भू-माफिया सक्रिय हैं और शासकीय जमीन को हथयाने की फिराक में है। इन माफियाओं को अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त है। यही कारण है कि इनके कार्य में रोडा अटकाने वालों पर ही कार्यवाही शुरू हो जाती है। ताजा मामला अजयगढ तहसील मुख्यालय का है। यहां वन विभाग के परिक्षेत्र कार्यालय के पास खाली पडी राजस्व भूमि पर स्थानीय दबंग भू-माफियाओं ने हथियाने का प्रयास किया। इसके लिए बाकायदा वन विभाग की वर्षो पुरानी बाउण्ड्री वॉल से लगाकर नई दीवार बनानी शुरू कर दी। इसकी भनक मिलते ही रेंजर अजयगढ नीलेश प्रजापति ने आपत्ति जताई और बाउण्ड्रीवाल का काम बंद करा दिया। जिसके बाद भू-माफियाओं ने रेंजर पर ही जमीन बेचने के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। इसके बाद रेंजर की विभागीय जांच भी शुरू हो गई।

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जांच को पहुंचे उत्तर वन मंडल के एसडीओ दिनेश गौर ने बिना किसी दस्तावेजों का अवलोकन किए ही राजस्व भूमि को वन भूमि बता दिया। जांच में वन भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर रेंजर को भी निशाना बनाया गया जबकि रेंजर ने राजस्व भूमि को कब्जे से बचाने का प्रयास किया था। मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों की टीम ने देखा कि जहां बाउण्ड्री वाल निर्माण कराने का प्रयास किया गया वह स्थान वन विभाग कार्यालय की भूमि के ठीक बगल में है। जहां वन विभाग की पुरानी बाउण्ड्री भी साफ नजर आ रही है। उक्त भूमि शासकीय रिकार्ड में भी राजस्व में दर्ज है। बावजूद इसके वन विभाग इसे वन भूमि बता रहा है। जिसके बाद रेंजर नीलेश प्रजापति ने दिनांक २५ अक्टूबर 2024 को भू-माफियाओं के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर शिकायत की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की।

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बार-बार मांग के बाद भी नहीं हुआ सीमांकन

अजयगढ में पन्ना मार्ग पर वन विभाग का कार्यालय स्थित है। जहां परिक्षेत्र कार्यालय के साथ निरीक्षण कुटी और तेंदुपत्ता गोदाम भी मौजूद है। उक्त भूमि वन विभाग को राजस्व विभाग से मिली थी। उक्त राजस्व भूमि के सीमांकन को लेकर रेंजर नीलेश प्रजापति ने प्रयास किए। दिनांक १४ मार्च २०२३, २६ अप्रैल २०२४ एवं २३ अगस्त २०२४ को रेंजर ने बाकायदा पत्र लिखकर तहसीलदार से सीमांकन की मांग की थी ताकि उक्त भूमि के आसपास हो रहे अतिक्रमण पर अंकुश लगाया जा सके। राजस्व विभाग ने संपूर्ण सीमांकन नहीं कराया। पूर्व में तहसीलदार ने टीम गठित कर एक ओर का सीमांकन कराया था। जिसमें अतिक्रमण भी पाया गया था। संपूर्ण सीमांकन आज तक नहीं हुआ है। सीमांकन नहीं होने के चलते वन विभाग के पास कितनी भूमि है और कितनी आवंटित भूमि पर अतिक्रमण है इसका कोई अंदाजा नहीं है। रेंजर के इन प्रयासों से भू-माफियाओं के लिए मुसीबत खडी कर दी थी। जिसके चलते भू-माफियाओं ने वन विभाग से लगी भूमि पर आनन-फानन में बाउण्ड्रीवाल वाल का निर्माण प्रारंभ करा दिया था।

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इनका कहना है

मेरे द्वारा वन विभाग को आवंटित भूमि के सीमांकन को लेकर प्रयास किए गये हालाकि सीमांकन नहीं हो सका। भू-माफियाओं द्वारा जब बाउण्ड्री वाल का निर्माण कराने का प्रयास किया गया तो मैंने रोक लगाई और वरिष्ट अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। राजस्व भूमि पर अतिक्रमण रोकना राजस्व अधिकारियों का काम है। मैंने इस संबंध में डीएफओ सहित कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा है।

नीलेश प्रजापति, वन परिक्षेत्राधिकारी अजयगढ

Created On :   28 Oct 2024 12:23 PM GMT

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