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Panna News: प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंंस छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना, महाविद्यालय में पदस्थ २७ प्राध्यापकों में से १४ दूसरे जिलों के महाविद्यालय में हुए पदस्थ
- प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंंस छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना
- महाविद्यालय में पदस्थ २७ प्राध्यापकों में से १४ दूसरे जिलों के महाविद्यालय में हुए पदस्थ
- उच्च शिक्षा के आदेश से महाविद्यालय के छात्रो में हडकंप
Panna News: पन्ना जिले शासकीय छत्रसाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय को इसी शैक्षणिक सत्र में प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेन्सी घोषित किया गया था जिसके बाद जिले के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय के विकास और बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध होने की उम्मीदें जागृत हुई परंतु जिस महाविद्यालय को चंद माह पहले उत्कृष्ट महाविद्यालय घोषित किया गया था उसी महाविद्यालय में पढ़ाने वाले प्रोफेसरों को लेकर आकाल की स्थिति बन गई है। छत्रसाल महाविद्यालय में संचालित कला, वाणिज्य विज्ञान के विभिन्न विषयों के अध्यापन कार्य के लिए शासन स्तर पर कुल ७२ पद स्वीकृत है जिनके विरूद्ध महाविद्यालय में २७ नियमित प्राध्यापक सहप्राध्यापक पदस्थ है और १० अतिथि विद्वानों को भी रखा गया है किन्तु इसी बीच उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा देश के प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेन्स एवं स्वशासी महाविद्यालयो में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों, प्राध्यापको को प्रदेश के अन्य महाविद्यालयो के दो माह के लिए रिडिप्लांयमेन्ट संबंधी आदेश जारी किया गया है। जिसमें पन्ना के शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय के कुल १४ प्राध्यापकों को प्रदेश के विभिन्न जिलो के महाविद्यालयों में पदस्थ किए जाने का आदेश जारी किया गया है साथ ही आदेश का तत्काल ही पालन करते हुए संबंधित महाविद्यालय में अपनी उपस्थिति देने के आदेश जारी किए गए है। महाविद्यालय से एक साथ १४ प्राध्यापको को दूसरे जिले के महाविद्यालयों रिडिप्लांयमेन्ट करने के बाद महाविद्यालय मे हडकंप की स्थिति मची हुई है। प्राध्यापकों को दूसरे जिलो में पदस्थ किए जाने की जानकारी से छात्रों की चितांये बढ गई है। १४ प्राध्यापको के स्थानांतरण के बाद अब महाविद्यालय में मात्र १३ प्राध्यापक शेष बचे है।
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५ हजार ३०० से अधिक छात्र-छात्रायें, १३ प्राध्यापको को कैसे चलेगा महाविद्यालय
शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना मे ंस्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में ०५ हजार ३०० से अधिक विद्यार्थी दाखिला लेकर अध्ययन करते है। महाविद्यालय में कला वाणिज्य विज्ञान के विभिन्न विषय संचालित है। जिन्हें अध्यापन के लिए कुल ७२ प्रोफेसर के पद स्वीकृत है। जिनमें अभी तक मात्र २७ भरे थे। अब जब १४ प्राध्यापकों का स्थानतंरण हो गया है ऐसे में १३ प्राध्यापकों से महाविद्यालय कैसे चलेगा यह अपने आप में बडा सवाल बनकर रहा गया है। महाविद्यालय में अंग्रेजी विषय में एक भी प्राध्यापक नही रह गए है। पदस्थ तीन सहायक प्राध्यापको डॉ. राम मोहन तिवारी को टीआरएस कालेज रीवा, डॉ. अंकिता सोनी को सीधी, डॉ. गुलाबधर को टीआरएस कालेज रीवा पदस्थ किया गया है। राजनीति शास्त्र कुल चार पदो में से नियमित रूप से पदस्थ दो प्राध्यापको में से डॉ. रजनीश चौरसियो को शासकीय महाविद्यालय नौगांव पदस्थ किया गया है और अब एक ही नियमित प्राध्यापक राजनीति शास्त्र में रह गए है। वाणिज्य कुल पांच नियमित पदो में से तीन नियमित पद भरे हुए थे जिनमें से एक सहायक प्राध्यापक डॉ. कविता परवंदा की पदस्थापना शासकीय महाविद्यालय मैहर हो गई है। भौतिक शास्त्र में छ: स्वीकृत पदों के विरूद्ध तीन नियमित तथा दो अतिथि विद्वावन कार्यरत है जिनमें से दो नियमित प्राध्यापकों डॉ. शिवगोपाल सिंह को विज्ञान महाविद्यालय रीवा तथा डॉ. पुष्पराज सिंह को पीजी कालेज सतना पदस्थ कर दिया गया है। रसायन शास्त्र के कुल छ: पद स्वीकृत है जिनमें चार पद पर नियमित तथा दो पर अतिथि विद्वावन सेवाये दे रहे हैं।
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जिनमें दो नियमित सहायक प्राध्याकों डॉ. श्वेता ताम्रकर को पीजी कालेज सतना तथा डॉ. समीक्षा ससोदिया को कन्या महाविद्यालय इन्दौर, डॉ. बृजेश दोहरे को पीजी कालेज गुना पदस्थ किया गया है। वनस्पति शास्त्र में कुल छ: पदो में से चार नियमित प्राध्यापक पदस्थ है जिनमें से डॉ. मंयक सिंह को शासकीय कन्या महाविद्यालय ग्वालियर पदस्थ किया गया है। प्राणी शास्त्र में कुल ०६ पद स्वीकृत है जिनमें तीन नियमित व एक अतिथि विद्वावन कार्यरत है इनमें से दो नियमित प्राध्यापको डॉ. ऋषभदेव साकेत को पीजी कालेज सतना तथा डॉ. सत्यप्रकाश बेरैया को शासकीय पीजी कन्या महाविद्यालय सागर पदस्थ किया गया है। गणित विषय के कुल ०५ स्वीकृत पदों में से तीन नियमित प्राध्यापक पदस्थ है जिनमें से डॉ पुष्कर कुमार सिंह को शासकीय माडल कालेज पदस्थ किया गया है। ऐसे में महाविद्यालय की स्थिति यह हो गई है कि जहां अंगे्रजी विषय में एक भी प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक अथवा अतिथि विद्वावन भी नही बचे है और अंग्रेजी विभाग में तालाबंदी की स्थिति बन गई है। इसके साथ ही कई अन्य विषयों में भी एक दो प्राध्यापकों के शेष रह जाने से पठन-पाठन कार्य पूरी तरह से ठप्प होने की स्थिति पहुंच गया है।
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उच्च शिक्षा प्रभारी मंत्री के जिले में ऐसे उच्च शिक्षा के हालत
वर्तमान में पन्ना जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार है जो कि मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री है किन्तु जिस तरह से पन्ना जिले में उच्च शिक्षा की दयनीय स्थिति बनी हुई है वह बडा सवाल है जिस छत्रसाल महाविद्यालय को उत्कृष्ट महाविद्यालय के तमगे से नवाजा गया था उस महाविद्यालय में ही १३ प्राध्यापक शेष रह गए है। जिले के अन्य शासकीय महाविद्यालयो में १-२ सहायक प्राध्यापक ही पदस्थ है कुछ महाविद्यालय की स्थिति यह है कि पूरे के पूरे पद खाली है। छत्रसाल महाविद्यालय जिस पर जिले भर के छात्र-छात्रायें उच्च शिक्षा पाकर अपना कैरियर बनाने की उम्मीद के साथ दाखिला लेते है और हजारों रूपए पढा़ई पर खर्चा करते है उस महाविद्यालय की दयनीय स्थिति हो चुकी है। शैक्षणिक स्टाफ के साथ लिपिकीय स्टाफ चतुर्थ श्रेणी स्टाफ तथा प्रयोगशाला सहायको और अटेन्डो के अधिकांश पद खाली पडे है।
Created On :   19 Dec 2024 5:26 PM IST