Panna News: चाइनीज मांझे का कहर, मासूम की जिंदगी पर संकट, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

चाइनीज मांझे का कहर, मासूम की जिंदगी पर संकट, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
  • चाइनीज मांझे का कहर, मासूम की जिंदगी पर संकट
  • प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

Panna News: पन्ना जिले में चाइनीज मांझे की वजह से हुई एक दर्दनाक घटना ने हर किसी को झकझोंर कर रख दिया है। प्रतिबंध के बावजूद बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे इस खतरनाक मांझे ने एक मासूम बच्ची को गंभीर चोट पहुंचाई। घटना में सात साल की श्रद्धा कुशवाहा के दोनों पैरों पर 44 टांके लगाने पड़े और उसे गंभीर हालत में जबलपुर रेफर किया गया है।

मासूम पर कहर बनकर टूटा चाइनीज मांझा

पन्ना जिले के गहरा ग्राम की रहने वाली श्रद्धा कुशवाहा अपने घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान पतंग उड़ाने में इस्तेमाल किए जा रहे चाइनीज मांझे ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। मांझे की धार इतनी खतरनाक थी कि उसने श्रद्धा के दोनों हाथ और पैरों पर गहरे जख्म दे दिए। परिजनों ने तुरंत उसे जिला अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसके पैरों पर 44 टांके लगाए। हालांकि जख्म इतने गंभीर थे कि जिला अस्पताल में इलाज संभव नहीं हो पाया और डॉक्टरों ने बच्ची को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। श्रद्धा की हालत को लेकर उसके परिजन बेहद चिंतित हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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प्रतिबंध के बावजूद बाजार में चाइनीज मांझा कैसे बिक रहा

चाइनीज मांझे पर देशभर में प्रतिबंध है लेकिन पन्ना सहित कई अन्य जिलों में इसका खुलेआम उपयोग और बिक्री हो रही है। यह घटना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। सवाल उठता है कि प्रतिबंधित होने के बावजूद यह घातक मांझा बाजार तक कैसे पहुंच रहा है। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया बच्ची के दोनों पैरों और हाथों पर गंभीर चोटें आई हैं। पन्ना जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार कर दिया गया है लेकिन बेहतर इलाज के लिए उसे मेडीकल कॉलेज रेफर किया गया है।

घटना के बाद परिजनों का दर्द

श्रद्धा के पिता ने इस घटना को लेकर अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी बच्ची की जिंदगी दांव पर लग गई है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई कि चाइनीज मांझे की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।

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प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल

यह घटना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। जब चाइनीज मांझे की बिक्री पर पहले से प्रतिबंध है तो वह जिले में खुलेआम कैसे बिक रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इस पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस खतरनाक मांझे के उपयोग से होने वाले जोखिमों के बारे में बताना चाहिए। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुखदायी है बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है। चाइनीज मांझा न केवल बच्चों और राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है बल्कि यह पर्यावरण और पक्षियों के लिए भी हानिकारक है।

जरूरत है सख्त नियमों की

प्रशासन को चाहिए कि वह बाजारों में चाइनीज मांझे की बिक्री पर कड़ी निगरानी रखे और इसके व्यापार में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई करें। इसके साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय समुदाय को भी सतर्क रहना होगा। श्रद्धा कुशवाहा के साथ जो चाइनीज माझा के द्वारा हाथ व पैरों में गंभीर चोटे पहुंचाई गई हैं जो प्रशासन की उदासीनता और बाजार की गैर-जिम्मेदारी को उजागर करती है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह घातक मांझा और भी मासूम एवं अन्य लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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पिछले वर्ष हुई थी कार्यवाही

मकर संक्रांति के पर्व के समय पिछले वर्ष 2023 में शहर के बाद कटरा बाजार सहित अन्य जगहों पर प्रशासन द्वारा छापामार कार्यवाही करते हुए प्रतिबंधित मांझे को जप्त भी किया था लेकिन उसके बाद स्थिति जस की तस हो गई। मकर संक्रांति का पर्व आने वाला है और इस दौरान पतंग का सीजन होता है और उसमें प्रतिबंधित चाइनीस मांझा का उपयोग किया जाता है यदि अभी से सतर्कता नहीं बरती गई तो आगे भी इस प्रकार की घटनाएं घटित हो सकती है।v

Created On :   21 Dec 2024 1:40 PM IST

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