Panna News: मां की प्रेरणा से बीमार गायों का उपचार करते हैं चाणक्य, २४ वर्ष से लगातार नि:शुल्क करते हैं दवा

मां की प्रेरणा से बीमार गायों का उपचार करते हैं चाणक्य, २४ वर्ष से लगातार नि:शुल्क करते हैं दवा
  • मां की प्रेरणा से बीमार गायों का उपचार करते हैं चाणक्य
  • २४ वर्ष से लगातार नि:शुल्क करते हैं दवा

Panna News: शहर के किसी गली-मोहल्ले में जानकारी मिल जायें की कोई गाय या उसका बच्चा बीमारी हालत में पडा हुआ है तो तत्काल चाणक्य रैकवार अपनी किट को लेकर पहुंच जाते हैं और उसका उपचार करते हैं और यदि उसकी हालत कछ ज्यादा ही खराब होती है तो उसको पशु चिकित्सालय तक भिजवाने का सराहनीय कार्य करते हैं। शहर के बस स्टैण्ड निवासी चाणक्य संतोष रैकवार जो कि अपनी स्वर्गीय माता जी श्रीमती सुमित्रा रैकवार की प्रेरणा से यह गऊ सेवा का कार्य वर्ष २००० से आज तक लगातार करते चले आ रहे हैं। अब तो पूरे पन्ना शहर के लोग उन्हें गऊ सेवक के नाम से जानने लगे हैं और यदि कहीं भी ऐसी जानकारी किसी को मिलती है तो वह सीधे चाणक्य को फोन कर देते और वह पहुंच जाते हैं। उल्लेखनीय है कि चाणक्य रैकवार को जब भी ऐसी सूचना मिलती है कि कहीं किसी गाय को बच्चा होना तो वह तत्काल पहुंचते हैं और सुरक्षित तरीके से गाय का प्रसव कराते हैं।

दवाई में स्वयं खर्च करते हैं राशि

चाणक्य रैकवार बतलाते हैं कि हमारे पास प्राथमिक उपचार के लिए दवाई रहती है जिसको वह मेडिकल स्टोर से खरीदते हैं जिससे मेडिकल स्टोर वाले उन्हें रियायत दर पर भी देते हैं। कुछ दवाईयां पशु चिकित्सालय से मिल जातीं हैं क्योंकि पूरी दवाईयां तो अस्पताल में आती नहीं है।

यह भी पढ़े -जिला मजिस्ट्रेट ने कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के पालन के संबंध में जारी किया आदेश, ध्वनि प्रदूषण उडनदस्ता दल का गठन

माता-पिता गाय की सेवा में रहते थे लीन

बस स्टैण्ड निवासी चाणक्य रैकवार बतलाते हैं कि उनकी मां श्रीमती सुमित्रा बाई व पिता शंकर प्रसाद रैकवार शुरू से ही गाय की सेवा में लीन रहते थे बचपन से जब हमने देखा तो हमारे अंदर भी यह बात आई कि मैं भी गाय की सेवा करूंगा। आज उनकी ही प्रेरणा से सेवा कर रहा हूं। वह बतलाते हैं कि उनके पिता को वर्ष १९९५ में हार्ट अटैक आया और उनको छतरपुर में इलाज कराने ले गये तो आखिरी वक्त उनके द्वारा गाय का दूध पीने की इच्छा जाहिर की गई। श्री रैकवार कहते हैं कि हिन्दू धर्म में गाय की सेवा को बहुत बडा पुण्य कार्य माना गया है और आज भी ऐसे सैकडों घर हैं जहां पर खाना बनने पर पहली रोटी गाय के नाम से निकालकर उसे खिलाई जाती है।

यह भी पढ़े -खरीदी केन्द्र निर्धारण में नहीं रखा गया नियमों का ध्यान, दूरी अधिक होने से किसान होंगे परेशान

अलग-अलग वार्डों से पत्नि जीतीं पार्षद का चुनाव

गायों की सेवा में हमेशा आतुर रहने वाले चाणक्य रैकवार बेनीसागर मोहल्ला के निवासी हैं जो वार्ड क्रमांक १४ अंतर्गत आता है। पिछले नगर पालिका चुनाव के दौरान इनकी पत्नि श्रीमती कविता रैकवार अपने वार्ड से भाजपा की टिकिट पर निर्वाचित हुई थी लेकिन वर्ष २०२२ के सम्पन्न हुए नगरीय निकाय के चुनाव में इनका स्वयं के वार्ड का आरक्षण बदल गया तो पार्टी ने वार्ड क्रमांक १३ से पार्षद की टिकिट दी और वह वहां से अच्छे मतों से इनकी पत्नि जींत गईं।

यह भी पढ़े -खरीदी केन्द्र निर्धारण में नहीं रखा गया नियमों का ध्यान, दूरी अधिक होने से किसान होंगे परेशान

Created On :   25 Nov 2024 3:28 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story