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Panna News: आदिवासी दलित क्रांति सेना बुंदेलखण्ड द्वारा सौंपा गया राज्यपाल के नाम, वन अधिकार कानून को लेकर दिया गया ज्ञापन, फूंका रेंजर का पुतला
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- आदिवासी दलित क्रांति सेना बुंदेलखण्ड द्वारा सौंपा गया राज्यपाल के नाम
- वन अधिकार कानून को लेकर दिया गया ज्ञापन
- फूंका रेंजर का पुतला
Panna News: पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शाहनगर वन क्षेत्र के अंतर्गत 22 पंचायत को आदिवासी दलित क्रांति सेना के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन कर सचिवों के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। प्रमुख आदिवासी तीन पंचायतों में हरदुआ ममोरी, झिलमिला, गजंदा में शाहनगर रेंजर का पुतला दहन हुआ। जानकारी हो कि वन अधिकार कानून को लेकर के 18 सितंबर को पोसी गांव में आम सभा उपरांत वाहन रैली निकाल कर शाहनगर में वन विभाग कार्यालय का घेराव किया गया। रेंजर श्री शिवहरे से कहा गया कि वन अधिकार कानून को ध्यान में रखते हुए अतिक्रमण हटाए नहीं तो आंदोलन किए जाएंगे फिर भी इसके उपरांत ०7 नवंबर को पगरी ग्राम में जाकर के जेसीबी मशीन से फसल को रौंद दिया गया। आदिवासी किसानों ने सैकड़ो की संख्या में 19 नवंबर को शाहनगर में पन्ना-कटनी रोड पर चक्काजाम किया गया। आदिवासी किसानों की मांग थी की जो फसल का नुकसान कराया गया है उसका मुआवजा दिया जाए तहसीलदार के 15 दिवस में जांच करने के आश्वासन के पश्चात चक्काजाम हटाया गया।
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15 दिवस से अधिक समय हो जाने के पश्चात भी आदिवासी किसानों के खेतों की ना ही जांच कराई गई और मुआवजा राशि दी गई। आदिवासी किसानों एवं आदिवासी दलित क्रांति सेना ने पुन: किसान आंदोलन छेड़ दिया जिसके तहत झिलमला, हरदुआ मांमोरी, आदिवासी किसानों ने आदिवासी दलित क्रांति सेना के बैनर तले शाहनगर रेंजर का पुतला दहन किया गया। शाहनगर वन क्षेत्र अंतर्गत 22 पंचायत में धरना प्रदर्शन एवं राज्यपाल के नाम सचिवों को ज्ञापन सौंपा गया। गजन्दा ग्राम पंचायत कार्यालय में आदिवासी दलित क्रांति सेना के संयोजक के.पी. सिंह बुंदेला के नेतृत्व में तहसीलदार को धरना प्रदर्शन के पश्चात पुतला दहन के बाद धरना प्रदर्शन हटाया गया कि कुछ समय और दिया जाए शीघ्र ही आपको पगरी गांव के किसानों की जांच कर मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। श्री बुंदेला ने सैकड़ो आदिवासियों की समक्ष कहा कि अगर शीघ्र ही जांच नहीं कराई जाती तो मार्च माह में प्रथम सप्ताह पर शाहनगर से हजारों आदिवासी पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव करेंगे जिसके लिए प्रशासन ही जिम्मेदार रहेगा। 17 दिसंबर को जो आंदोलन पंचायतों में हो रहा है इसका उद्देश्य आदिवासियों को आंदोलन के प्रति प्रशिक्षित करना है जो पदयात्रा के रूप में मार्च माह में होने जा रहा है।
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Created On :   19 Dec 2024 1:26 PM IST