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300 मीटर तक दलदल एवं कीचड से सनी हुई है सड़क: शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल बोरी तक पहुंचने की राह नहीं आसान
- शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल बोरी तक पहुंचने की राह नहीं आसान
- गांव से लगभग ३०० मीटर तक दलदल एवं कीचड से सनी हुई है सड़क
डिजिटल डेस्क, शाहनगर नि.प्र.। एक ओर जहां सब पढ़े सब बढ़े का नारा गंूज रहा है सरकार जहां एक ओर जहां स्कूलों को सुविधा युक्त बनाने तथा विद्यार्थियों को होने वाली समस्याओं को दूर करने को लेकर बडे-बडे दावे कर रही है किन्तु ग्रामीण क्षेत्रो में स्थितियां यह है कि अनेक ऐसे स्कूल है जहां तक बच्चों के पहुंचने के लिए ठीकठाक सडक़ भी नहीं हैं बच्चे कीचड और दलदल भरी सडक़ से अपने स्कूल तक पहुंचने के लिए मजबूर है और इस तरह के सडक़ के चलते आए दिन यह होता है कि कोई भी बच्चा सडक़ में फिसलकर चोटिल हो जाता है साथ ही साथ कीचड और दलदल भरे मार्ग में आवाजाही के दौरान बच्चों की गणवेश खराब हो जाती है इसी तरह की स्थिति का सामना शाहनगर क्षेत्र स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बोरी के विद्यार्थियों का करना पड रहा है। बोरी की सीमा क्षेत्र से स्कूल पहुंचने तक के लिए करीब ३०० मीटर की जो सडक़ की दूरी है उसका निर्माण कार्य नहीं किया गया है स्कूल तक पहुंचने के लिए सडक़ नहीं बनने विद्यार्थी कच्ची सडक़ से स्कूल जाते है और वापिस लौटते है और बारिश के दौरान इस तरह की सडक़ से बच्चों की समस्या बढ जाती है करीब ३०० मीटर तक पूरा कच्चा मिट्टी युक्त स्कूल पहुंंचने तक का मार्ग बारिश के चार माह कीचड के साथ दलदल में बदल जाता है।
बच्चों को इसी मार्ग से स्कूल पहुंचना मजबूरी है और इस तरह के मार्ग से जाने के दौरान स्थिति यह हो जाती है कि छात्र-छात्रायें कई बार सडक़ के कीचड के साथ फिसलकर गिर जाते है जिसके चलते उनके गणवेश खराब हो जाते है साथ ही साथ स्कूल बैग से लेकर कॉपी किताब भी खराब हो जाते है। स्कूल तक जो छात्र साइकिलों से पहुंचते है उनके लिए बरसात के चार माह और अधिक परेशानी भरे होते है। अधिक दलदल हो जाने पर बच्चे साइकिल भी स्कूल तक नहीं चले जा पाते हैं। शासकीय हायर सेेकेण्डरी स्कूल बोरी अंचल का एक बडा विद्यालय है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रो ठेपा ठरका, सलैया, फैरन सिंह, परासी, कमता, गजन्दा, बुधरौढ सहित करीब दो दर्जन गांवो के ६७० बच्चे पढऩे आते है। विद्यालय की छात्र-छात्रा सुल्तान, अरमान, मुस्कान कौशल्या, बबीता आदि ने बातचीत के दौरान बताया कि यह स्कूल आने का मुख्य मार्ग है छात्रावास उपस्वास्थ्य केन्द्र हायर सेकेण्ड्री आंगनबाडी सहित आधा दर्जन से अधिक कार्यालय है इसके बावजूद सडक निर्माण को लेकर उदासीनता बरती जा रही है कोई सुनने वाला नही है। रास्ता खराब होने की वजह से बच्चे फिसलकर गिर जाते है यूनिफार्म खराब हो जाती है। तो मजबूरन स्कूल उसी गंदी यूनिफार्म में जाना पडता है।
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३०० मीटर की सीसी सडक़ बनने से समस्या का हो जायेगा समाधान
स्कूल तक बच्चों के जाने के लिए करीब ३०० मीटर सडक बनाये जाने की जरूरत है इसके लिए कोई भारी भरकम बजट की जरूरत नहीं हैं इसके बावजूद जिम्मेदारों द्वारा सडक निर्माण को लेकर लगातार अनदेखी की जा रही है। बोरी और महेबा गांव के बीच से होकर साहू मोहल्ले से स्कूल तक करीब ३०० मीटर के मार्ग सीसी सडक बनाकर समस्या का समाधान किया जा सकता है यह कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से ही किया जा सकता था किन्तु ग्राम पंचायत द्वारा प्राथमिकता होने के बावजूद भी सीसी सडक क्यों नहीं बनाई गईं। क्षेत्रीय विधायक और सांसद द्वारा भी स्कूली छात्र-छात्राओं को होने वाली परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया गया है। सडक मार्ग सांसद अथवा विधायक निधि से भी निर्मित हो सकता है परंतु जिम्मेदार उदासीन है।
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इनका कहना है
स्कूल तक सडक क्यों नहीं बन पाई है इसको लेकर बोरी पंचायत एवं सचिव से बात कर जानकारी प्राप्त की है बच्चों के सडक की समस्या का समाधान हो इसके लिए किस तरह से व्यवस्था हो सकती है उसकी व्यवस्था कर सडक का निर्माण जल्द से जल्द हो इसके लिए कार्यवाही की जायेगी।
रोहित मालवीय, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शाहनगर
Created On :   17 Sept 2024 5:55 PM IST