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आकाशीय बिजली व वज्रपात से रहें सतर्क: डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय
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डिजिटल डेस्क, पन्ना। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय द्वारा आकाशीय बिजली/वज्रपात प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हेतु सलाह जारी की गयी है। उन्होंने बताया कि खेतों एवं औद्योगिक स्थानों, निर्माण वाले स्थानों में काम करने वाले लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। आकाशीय बिजली/वज्रपात की घटनायें जून-जुलाई में सर्वाधिक होती है। विशेष रूप से उंचे नुकीले संरचना एवं पेडों पर वज्रपात हो सकता है। दोपहर एवं सायंकाल के मध्य ऐसी घटनायें सर्वाधिक देखी गईं हैं। यह आवश्यक नहींं कि बारिश के दौरान ही वज्रपात हो, तूफान आने के पहले या बाद में भी ऐसी घटना हो सकती है। उन्होंने कहा कि घर के अंदर सुरक्षात्मक उपाय अपनाते हुए बिजली एवं विद्युत उपकरणों के संपर्क में नही रहें और इनका पावर प्लग निकाल दें। इलेक्ट्रिकल आउटलेट कम्प्यूटर, लैपटॉप, ड्रायर से जुडी किसी भी चीज का उपयोग ना करें। खिडकियां दरवाजे बंद रखें, कंक्रीट के फर्श पर ना लेटे, खाली पैर जमीन या फर्श पर खडे ना रहें।
स्नान, बर्तन धोना या पानी के साथ कोई अन्य संपर्क ना करें क्योंकि बिजली इमारत की पाइपलाइन से संचारित हो सकती है। गरज के दौरान कॉर्डलेस फोन या मोबाईल का उपयोग ना करें। वहीं घर के बाहर सुरक्षा के रूप में बिजली का संचालन करने वाली सामग्री या सतहों को ना छूयें, लंबी संरचनाओं एवं बडे उपकरण जैसे बिजली के ख्ंाभे, पेड, छत, बुलडोजर, ट्रेक्टर से दूर रहें। दोपाहिया बाहन से दूर रहें, तालाब-नदीं के किनारे नाव आदि स्थानों में ना रहें, विस्फोटक क्षेत्र से दूर रहें। यदि बिजली चमकने के 10 सेकेण्ड के बाद गर्जन सुनायी देती है तो इसका मतलब कि वो आपसे से 3 किलोमीटर दूर है। अत: तुरंत ही सुरक्षित आश्रय ढूढेंं यदि लोगों के समूह में हो तो अलग-अलग खड़े हो जाये आपकी जागरूकता एवं सतर्कता प्राकृतिक आपदाओं से आपका बचाव कर सकती है।
Created On :   28 July 2023 12:37 PM IST