पन्ना: सलेहा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का फैला जाल, ग्रामीण उपचार कराने को मजबूर

सलेहा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का फैला जाल, ग्रामीण उपचार कराने को मजबूर
  • सलेहा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का फैला जाल, ग्रामीण उपचार कराने को मजबूर
  • प्रशसानिक उदासीनता से नहीं बन सका सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

डिजिटल डेस्क, सलेहा नि.प्र.। जनपद पंचायत गुनौर अंतर्गत सलेहा क्षेत्र में हमेशा ही स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव रहा है। यहां के ग्रामीण इन्हीं स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। विगत लम्बे समय से शासन द्वारा सलेहा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था की गई थी लेकिन यहां पर स्वास्थ सुविधाओं सहित आवश्यक दवाओं के अभाव तथा महिला चिकित्सक, अन्य कर्मचारियों के अभाव के चलते ग्रामीणों को उच्च स्तर के उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही हैं जिस स्तर की मिलनी चाहिए। वृहद क्षेत्र होने के चलते सलेहा स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तब्दील करने की मांग कई बार मुख्यमंत्री से लेकर सांसद, विधायक एवं अन्य मंत्रियों से की गई लेकिन उसका असर आज तक नहीं हुआ। जिसके चलते विगत कई वर्षों से यहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है और एक चिकित्सक दिन में सैकड़ों लोगों का इलाज करने को विवश है। सलेहा क्षेत्र सघन आबादी के साथ-साथ आदिवासी बाहुल्य कल्दा क्षेत्र जुड़ा हुआ है।

यह भी पढ़े -कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के कार्यों का किया निरीक्षण, ग्रामवासियों से संवाद कर सुनी समस्याएं

यहां बडी जनसंख्या होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा अपने पैर पसार कर अवैध कारोबार फैला रहे हैं और यहां की अनपढ़ जनता का लाभ नीम-हकीम उठा रहे हैं। जिस पर झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा ग्रामीण अंचलों में क्लीनिकों का विस्तार कर ग्रामीणों से भारी-भरकम राशि वसूली के साथ-साथ व्यक्तियों द्वारा गृहस्थी की वस्तुओं को बेंचकर उपचार कराने के लिए विवश होना पड़ा रहा है। पन्ना जिले के सलेहा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा ग्रामीण जनता का उपचार के नाम लाभ कमाया जा रहा है। सलेहा क्षेत्र के जागरूक एवं संपन्न परिवारों द्वारा अपना उपचार या तो शासकीय चिकित्सक एवं जिला केंद्रों में पदस्थ निजी चिकित्सकों तथा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से करा लिया जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की भोलीभाली जनता इन नीम-हकीमों से लुटने को मजबूर हैं। झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा सस्ती और डुप्लीकेट दवाइयां दी जाती है और मोटी रकम वसूली जाती हैं। इस दौरान यदि मरीज ठीक है तो सही है नहीं तो वह भगवान भरोसे जीवित है।

यह भी पढ़े -पहाडीखेरा में एक माह से गहरे जल सकंट से जूझ रहे है ग्रामीण, पेयजल योजना ठप्प

विभागीय एवं प्रशासनिक संरक्षण हैं मेहरबान

ऐसा नहीं हैं कि इन झोलछाप चिकित्सकों से लुटने वाली जनता की जानकारी संबधित जिला अथवा खण्ड स्तर पर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन को नहीं हैं। बावजूद इसके वह हांथ-हांथ पर धरे यह सब देखते रहते हैं और कभी-कभार छुटपुट कार्यवाही कर केवल दिखावा करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बीमारियों की जांच के नाम पर लोगों को धोखा देने का कार्य किया जा रहा है। जगह-जगह अवैध साइन बोर्ड लगाकर मरीजों को लूटा जा रहा हैं। जिसके चलते अवैध तरीके से संचालित क्लिनिकों एवं इससे जुड़े लोग लाभ कमा रहे है। जिले में मौसमी बीमारियों एवं भीषण गर्मी से मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है सीजन के अलावा भी संक्रमण सहित अन्य बीमारियों का प्रभाव बना रहता है।

यह भी पढ़े -भीषण तपन से निजात पाने नाले के पानी में अठखेलियां करते दिखे शावक

Created On :   28 May 2024 4:42 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story