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नियोजन के अभाव में गहराई जलसमस्या
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अत्यल्प बारिश के चलते जलाशयों की स्थिति को देखते हुए शहर में जलापूर्ति कटौती शुरू है। पहले एक सप्ताह तक एक दिन अंतराल पर जलापूर्ति का निर्णय लिया गया। अब और एक महीना बढ़ाया गया है। भविष्य में यह समस्या और विकराल बनने की आशंका है। हालांकि जानकारों का मानना है कि यह पानी संकट कम, पानी प्रबंधन का संकट अधिक है। अगर पानी का नियोजन समय रहते होता तो यह नौबत नहीं आती। जिस उद्देश्य से ओसीडब्ल्यू को इसका जिम्मा सौंपा गया था, वह भी सफल नहीं हुआ। उद्देश्य था कि हर पानी की मीटरिंग हो, लेकिन अभी भी लक्ष्य आधा पार नहीं हुआ। पाइप लाइन लीकेज के चलते 50 प्रतिशत से अधिक पानी व्यर्थ बह जाना भी जलसंकट की एक बड़ी वजह बताई गई। शहर में आए दिन पाइप लीकेज से बहते पानी की तस्वीरें देखी जा जा सकती है। दैनिक भास्कर कार्यालय में शहर में भीषण बन रहे पानी संकट पर जानकारों ने ऐसे अनेक पहलुओं पर ध्यान आकर्षित किया, जो आज की परिस्थिति के लिए जिम्मेदार है। ‘शहर में जलसंकट’ विषय पर आयोजित चर्चा में राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक सहित उपभोक्ता क्षेत्र से जुड़े लोगों ने जल समस्या सहित उसके समाधान पर प्रकाश डाला।
यह हैं राहत के सुझाव...
- 24 बॉय 7 योजना की समीक्षा होनी चाहिए।
- ओसीडब्ल्यू के साथ हुए करार पर अमल हो।
- जलापूर्ति बांधों में जलसंग्रहण का उचित प्रबंध।
- पानी की बर्बादी रोकने के लिए उचित नियोजन।
- बड़े उपभोक्ता पर मलीन पानी का शुद्धिकरण कर पुन: उपयोग की सख्ती।
- पानी की बचत पर बच्चों, महिलाओं में जनजागृति।
- स्कूलों में महीने में एक पीरियड पानी बचत पर रखें।
- पानी बहने पर सूचना के लिए टोल फ्री नंबर होना चाहिए।
- गोसीखुर्द का पानी मोखाबर्डी से पाइप लाइन डालकर नागपुर लाया जाए।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग नीति पर सख्ती से अमल होना चाहिए।
- इस नीति पर अमल नहीं करने वालों से जुर्माना वसूल करें।
- कुओं की सफाई कर पानी इस्तेमाल किया जा सकता है।
Created On :   24 July 2019 12:33 PM IST