खंडहर मे बदल रहा देव पर्वत का हजारो साल पुराना मंदिर
डिजिटल डेस्क, अजयगढ .। अजयगढ अन्तर्गत देवगॉव पंचायत पर स्थित विख्यात तीर्थ स्थल के रूप प्रसिद्व रहा देव पर्वत वर्तमान में शासन प्रशासन की उपेक्षा का शिकार है। देव पर्वत पर बने कलात्मक प्राचीन मंदिर दिनोंदिन नष्ट हो रहे हैं। अजयगढ क्षेत्र के प्राचीन स्थलो की सुरक्षा एवं सरक्षण के लिये हमेशा आवाज उठाने वाले क्षेत्रीय विकास संघ के संयोजक श्रीराम पाठक ने बताया कि देव पर्वत के सबसे उपरी भाग में बने मां सीता की रसोई के नाम से विख्यात हजारों साल पुराना शिव मदिंर नष्ट होने की कगार पर पहुच गया है। मंदिर के आसपास सैकडो अलंकृत पत्थर बयान करते है कि अपने समय से देव पर्वत का उक्त मंदिर अवश्य भव्य स्वरूप में रहा होगा। प्राचीन समय से चित्रकूट, कांलिजर, अजयगढ दुर्ग उत्तर भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलो में शामिल रहे हैं। देव पर्वत पर भगवान श्रीराम के एवं पाण्डवों के आगमन के भी प्रमाण मौजूद हैं। माता सीता की रसोई एंवं चट्टनों पर बना विशालकाय पैर का पंजा जिसे स्थानीय लोग भीम का पंजा कहते है देव पर्वत पर गंगा-यमुना नामक कुण्ड बताया जाता है कि भक्त देव पर्वत जाने वाले भक्तगण गंगा-यमुना कुण्ड में स्नान करने के पश्चात इन क ुण्डो केजल से माता सीता की रसोई कहे जाने वाले शिव मंिदर में शिवलिग पर जल चढाते थे। वर्तमान में देव पर्वत की यात्रा काफी कठिन एवं कष्ट प्रद होने से भक्तगण पर्वत् के ऊपरी शिखर पर नहंीं जा पाते और बीच में गंगा-युमना कुण्ड में स्नान करके वहीं से जल चढाकर वापिस लोट आते हैं। अजयगढ क्षेत्रीय विकास संघ के संयोजक श्रीराम पाठक ने जानकारी देते हुये बताया कि देव पर्वत के प्राचीनतम महत्व से अवगत कराने हेतु देव पर्वत नाम से एक फोल्डर का प्रकाशन भी क्षेत्रीय विकास संघ द्वारा किया गया है। श्री पाठक ने क्षेत्रीय सांसद विष्णुदत्त शर्मा, कैबिनेट मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, कलेक्टर पन्ना एवं पुरातत्व विभाग से देव पर्वत पर बने हजारो साल पुराने मंदिर के संरक्षण एवं मरम्मत की मांग की है।
Created On :   26 April 2022 4:22 PM IST