सर्पदंश समय पर इलाज न मिलने से जाती हैं जानें

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सर्पदंश समय पर इलाज न मिलने से जाती हैं जानें

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले में सर्पदंश के इलाज की सुविधा सिर्फ जिला अस्पताल में है। मेडिकल साइंस के मुताबिक जहरीले सर्पदंश के बाद व्यक्ति के शरीर में जहर फैलने में तीन से चार घंटे का समय लगता है। मतलब इस समय अवधि में मरीज का इलाज शुरू हो जाना चाहिए। जिले के दूरस्थ अंचल तामिया और हर्रई के ग्रामीण क्षेत्रों से जिला अस्पताल आने में छह से सात घंटे का समय लग जाता है। जिसकी वजह से अक्सर मरीजों की जान पर बन आती है। इसके बावजूद ब्लॉकस्तर के अस्पतालों में स्नेक बाइट के ट्रीटमेंट की सुविधा नहीं है। ऐसे में ग्रामीण झाड़फूक का सहारा लेने मजबूर हैं। जिसका नतीजा हर साल देखने को मिलता है। बारिश के दिनों में दर्जनों लोग सर्पदंश में इलाज न मिलने से काल के गाल में समा जाते है।  

स्वास्थ्य केन्द्रों में नहीं है सुविधाएं

हर विकासखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अस्पताल खोले गए हैं, लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सिर्फ बिल्डिंग है। कहीं डॉक्टरों का टोटा तो कहीं सर्पदंश पीडि़त के लिए जरूरी आईसीसीयू की सुविधा नहीं है। मजबूरी में मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल की दौड़ लगानी पड़ती है।

सीएससी में सीमित इंजेक्शन

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बीएमओ आवश्यकता के मुताबिक दवा मंगवा सकते हैं लेकिन अधिकांश बीएमओ एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन स्टोर करने की झंझट से बचने जिला मुख्यालय डिमांड ही नहीं भेजते। एक मरीज को करीब 10 इंजेक्शन लगते हैं। सीएससी में सिर्फ 05 से 10 इंजेक्शन ही रखे जाते हैं। यदि एक ही वक्त में दो मरीज पहुंच जाए तो उनकी जान बचाने डॉक्टर जिला अस्पताल रेफर कर देते है। 

जिला अस्पताल में पर्याप्त इंजेक्शन

जिला अस्पताल के आईसीसीयू, मेल मेडिकल, फिमेल मेडिकल और बच्चा वार्ड में सर्पदंश के लिए उपयोगी इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए है। अस्पताल के आईसीसीयू में बीस, मेल मेडिकल में चालीस, फिमेल मेडिकल में बीस इंजेक्शन दिए गए है। अस्पताल के स्टॉक में अभी लगभग 850 एंटी स्नेकवेनम इंजेक्शन उपलब्ध है। 

क्या कहते हैं अधिकारी

विभाग के पास एंटी स्नेकवेनम इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। पीएससी स्तर पर सर्प कांटे का इलाज संभव नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एमबीबीएस डॉक्टर है जो सर्प दंश का इलाज कर रहे है। इस वजह से यहां पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध करा दिए गए है।  डॉ. जेएस गोगिया,सीएमएचओ
 

Created On :   20 Jun 2019 1:16 PM IST

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