श्री गंगवार ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया; आईएलसी के 109वें सत्र को संबोधित किया!

Shri Gangwar reiterates Indias commitment to combat the impact of the COVID-19 pandemic; Addressed the 109th session of ILC!
श्री गंगवार ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया; आईएलसी के 109वें सत्र को संबोधित किया!
श्री गंगवार ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया; आईएलसी के 109वें सत्र को संबोधित किया!

डिजिटल डेस्क | श्रम और रोजगार मंत्रालय श्री गंगवार ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया; आईएलसी के 109वें सत्र को संबोधित किया| केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष गंगवार ने महामारी के प्रभाव से मुकाबला करने और इसके खिलाफ मजबूत बनने के लिए हर संभव प्रयास करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया है। कल शाम यहां आईएलसी के 109वें सत्र के अंतर्गत गुटनिरपेक्ष आंदोलन श्रम मंत्रियों की वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए श्री गंगवार ने कहा कि दुनिया ने जीवन और आजीविका की हानि, अर्थव्यवस्था की मंदी, समाज के समूचे वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव देखा है और विशेष रूप से, कमजोर अधिक असुरक्षित है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों, सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सृजन के लिए बेहतर समर्थन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकारों को महामारी से निपटने और नीतिगत स्तरों पर एक प्रभावी प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है, ताकि व्यापार निरंतरता, आय सुरक्षा और सब से ऊपर, सभी की भलाई की जा सके। मंत्री महोदय ने बताया कि भारत ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया है और अब तक कुल 223 मिलियन टीके लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जीवन और आजीविका में असाधारण परिवर्तन हुए हैं और अब कार्य शैली के लिए नया दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग ने चुनौतियां तो खड़ी की हैं, लेकिन साथ ही अधिक अवसर भी प्रदान किए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत ने गिग और प्लेटफॉर्म कार्मिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए कानूनी प्रारूप भी बनाया है। श्री गंगवार ने कहा कि रोजगार एक महत्वपूर्ण पहलू होने के कारण, भारत विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य और वित्तीय मोर्चे पर भी रोजगार और सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रहा है। भारत ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भरता हेतु 27 हजार अरब रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का शुभारंभ किया है, जिसमें पात्र नए कर्मचारियों के संबंध में सरकार द्वारा वेतन के 24% तक ईपीएफ योगदान का भुगतान भी शामिल है। इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों में मुद्रा योजना के तहत नौ हजार अरब के आनुशंगिक मुक्त ऋण का वितरण किया गया है, जिसमें महिलाओं के लगभग 70% खाते हैं। मंत्री ने कहा कि ग्रामीण भारत के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत दैनिक मजदूरी में वृद्धि के परिणामस्वरूप सिर्फ पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 3.9 बिलियन मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ है।

Created On :   7 Jun 2021 2:01 PM IST

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