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26 जून से शुरू होगी स्कूल, पहले ही दिन मिलेंगी किताबें
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। 26 जून को स्कूल शुरू होने जा रही है । स्कूल शुरू होने के पहले ही दिन स्टूडेंट्स को किताबें देने की तैयारी की गई है। बालभारती से 9 लाख 58 हजार 469 किताबें उपलब्ध होने की जानकारी सूत्रों से मिली है।समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत कक्षा पहली से 8वीं तक पढ़ने वाले सभी सरकारी, स्थानीय स्वराज संस्था द्वारा संचालित तथा अनुदानित स्कूलों में स्टूडेंट्स को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाती हैं।
स्टूडेंट्स की असुविधा को टालने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से समय से पहले नियोजन कर बालभारती की वेबवाइट पर 1 लाख 97 हजार स्टूडेंट्स के लिए 3 करोड़, 40 लाख से अधिक कीमत की पुस्तकों की मांग की गई थी। यूडीआईएसई के अनुसार कक्षा पहली से पांचवीं के लिए 99 हजार 111 और छठवीं से आठवीं के 98 हजार 805 कुल मिलाकर 1 लाख 97 हजार 916 स्टूडेंट्स की रजिस्ट्रेशन किया गया। स्कूलों की मांग के अनुसार किताबें उपलब्ध की गई हैं। तहसील स्तर पर किताबों के वितरण की जिम्मेदारी शिक्षण विस्तार अधिकारी पर सौंपी गई है। मांग के अनुसार बालभारती की ओर से किताबों की आपूर्ति की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि आगामी एक-दाे दिन में किताबों का वितरण शुरू हो जाएगा। स्कूल खुलने पर पहले ही दिन स्टूडेंट्स को किताबों का वितरण करने की दृष्टि से शिक्षा विभाग की तैयारी है।
पीजी मेडिकल-डेंटल : प्रवेश लिया है, तो अब उस पर कायम रहें -SC
देश की सर्वोच्च अदालत ने यह स्पष्ट किया है कि मेडिकल और डेंटल पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम की ऑल इंडिया लेवल की सीटों पर प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को अपने फैसले पर कायम रहना होगा। महाराष्ट्र में जो नए सिरे से प्रवेश प्रकिया शुरू हो रही है, ये स्टूडेंट इसमें शामिल नहीं हो सकते। ऑल इंडिया लेवल की सीटों पर महाराष्ट्र से करीब 250 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है। 13 मई को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवा महासंचालनालय ने आदेश जारी कर पहले और दूसरे राउंड में ऑल इंडिया लेवल पर प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को राज्य की प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया। इसे डॉ. अनुज लद्धड व अन्य 6 ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनकर अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट का निरीक्षण रहा कि यदि इन स्टूडेंट्स को भी प्रदेश की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने दिया गया, तो प्रवेश प्रक्रिया अस्त-व्यस्त हो जाएगी।
प्रदेश में नए सिरे से हो रही प्रक्रिया
दरअसल मेडिकल और डेंटल की प्रवेश प्रक्रिया में राज्य सीईटी सेल ने मराठा एसईबीसी प्रवर्ग के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। इस पर आपत्ति लेते हुए विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा था कि प्रवेश प्रकिया में कई गड़बड़ियां हैं। प्रवेश प्रक्रिया में ओबीसी से ज्यादा सीटें मराठा वर्ग के सामाजिक और आर्थिक पिछड़े प्रवर्ग के लिए दर्शाई गई हैं। 9 मई को सर्वोच्च न्यायालय ने नागपुर खंडपीठ के इस फैसले को कायम रखा था। सीईटी सेल को प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के लिए राज्य सरकार को 25 मई तक का वक्त दिया गया था। बाद में इसे बढ़ा कर 31 मई किया गया।
Created On :   21 May 2019 3:16 PM IST