बजट को लेकर दलों ने अपने हिसाब से दीं प्रतिक्रियाएं
डिजिटल डेस्क,सिवनी। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के द्वारा बुधवार को आम बजट संसद में प्रस्तुत किया गया। जैसी की उम्मीद थी राजनेताओं ने अपने दलों की नीतियों के हिसाब से बजट को लेकर प्रतिक्रियाएं दीं है। जहां सत्ताधारी दल के नेताओं का कहना है कि इस बजट से देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा, सभी वर्गों का ध्यान रख कर एक उचित बजट बनाया गया है वहीं विपक्ष का कहना है कि बजट धरातल पर बिल्कुल ही कमजोर है। कोरोना काल के बाद सरकार को काफी कुछ किया जाना चाहिए था।
आगामी 25 वर्षों के लिए योजना
इस बजट में देश के आगामी 25 वर्षों के लिए योजनाएं बनाई गईं हैं। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसे कुछ न दिया गया हो। जहां दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था लडख़ड़ा गई है वहीं हमारी अर्थव्यवस्था पांचवे स्थान पर पहुंच गई है। सभी क्षेत्रों में डिजीटाइलेशन को बढ़ावा दिया गया है। टैक्स कलेक्शन बढ़ा है।
डॉ ढाल सिंह बिसेन, सांसद बालाघाट
केंद्रीय बजट में ग्रामीण इलाकों, किसानों, खेती आदि के लिए खास कुछ नहीं है। किसानों के लिए फसल, खाद, बीज आदि के लिए काफी कुछ किया जाना चाहिए था। जो भी घोषणाएं नजर आ रहीं हैं उनका क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर होता नजर नहीं आता - अर्जुन काकोडिय़ा, विधायक बरघाट
इस बजट में सिंचाई परियोजनाओं आदि के लिए कुछ नहीं है। देश का किसान परेशान है। आम लोगों को मंहगाई से राहत नहीं है। पेट्रोल डीजल की कीमतें आसमान छू रहीं हैं और हमारी वित्तमंत्री सबसे बड़ी इकोनॉमी की बात कर रहीं हैं - योगेंद्र सिंह, विधायक लखनादौन
सप्तऋषि दिखाएंगे रास्ता
कें द्रीय बजट में सप्तऋषि समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को लिया गया है। अमृतकाल में ये सप्तऋषि हमें रास्ता दिखाएंगे। शानदार बजट है।
- राकेश पाल, विधायक केवलारी
इनकम टैक्स पर छूट, छात्रों के लिए लाइब्रेरी की सुविधा, शिक्षकों की ट्रेनिंग और भर्ती, स्टार्टअप के लिए फंड, युवाओं को भत्ता इस बजट में सभी कुछ तो है। सभी वर्गों के लिए ध्यान दिया गया है। उम्मीद से भी काफी अच्छा है यह बजट - दिनेश राय, विधायक सिवनी
समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखते हुए बजट तैयार किया गया है। भारत विश्व महाशक्ति बने इस दिशा में यह अहम बजट है। अमृत काल में आए प्रथम बजट में विकास को समावेशी बनाया गया है। गांव से लेकर शहर तक, युवाओं से महिला शक्ति के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं - आलोक दुबे, जिलाध्यक्ष भाजपा सिवनी
गांव, ग्रामीणों के लिए कुछ नहीं
इस बजट में गांवों, ग्रामीणों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी जुमला ही साबित हुआ। महिलाओं के लिए कुछ नहीं है। मंहगाई, शिक्षा, सुरक्षा के लिए वित्तमंत्री ने कोई नया ऐलान नहीं किया है। बजट पूरी तरह से छलावा है।
- राजकुमार खुराना, जिलाध्यक्ष कांग्रेस सिवनी
हमें उम्मीद थी कि इस बजट में मंहगाई रोकने, कोरोना काल में पीडि़त आम आदमी को सहूलियत देने, छोटे और मझोले व्यापारियों को राहत देने, किसान, छात्रों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ऐलान होगा लेकिन कुल मिलाकर सरकार की घोषणाएं सिर्फ जुमला ही साबित हुई हैं।
- रजनीश सिंह, पूर्व विधायक केवलारी
Created On :   2 Feb 2023 11:18 AM GMT