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एजुकेशन सिटी की जमीन के नामांतरण पर यथास्थिति के आदेश
डिजिटल डेस्क, जबलपुर । हाईकोर्ट ने सीहोर जिले की आष्टा तहसील में एजुकेशन सिटी के लिए ली गई जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने भोपाल के संभागायुक्त को निर्देश दिए है कि पुनर्विचार आवेदन का जल्द निराकरण किया जाए। इस निर्देश के साथ एकल पीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया है।
मध्यप्रदेश ट्रेड एंड इंवेस्टिव फैसिलिटेशन कार्पोरेशन के साथ एमओयू साइन किया था
कोहली एजुटेक दिल्ली के संचालक अमोलक रतन कोहली की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सीहोर जिले की आष्टा तहसील में एजुकेशन सिटी बनाने के लिए 24 सितंबर 2007 को मध्यप्रदेश ट्रेड एंड इंवेस्टिव फैसिलिटेशन कार्पोरेशन (ट्राईफेक) के साथ एमओयू साइन किया था। एमओयू के तहत राज्य सरकार को एजुकेशन सिटी से जुड़ी सभी आवश्यक अनुमति देना था। इसके बाद उन्होंने आष्टा तहसील में कई गांवों की सैंकड़ो एकड़ जमीन खरीद ली। याचिका में कहा गया कि 4 फरवरी 2011 के पूर्व उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई कि कलेक्टर की अनुमति के बिना जमीनों को खरीदा नहीं जा सकता है। सीहोर के अतिरिक्त कलेक्टर ने 27 अक्टूबर 2018 को जमीनों के रिकॉर्ड से याचिकाकर्ता का नाम विलोपित कर सरकारी मद में दर्ज करने का आदेश दे दिया। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि इसके खिलाफ भोपाल संभागायुक्त के समक्ष पुनर्विचार आवेदन दायर किया गया, जिसका निराकरण अभी तक नहीं किया गया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने जमीन के नामांतरण पर यथास्स्थिति बनाए रखने के साथ भोपाल संभागायुक्त को पुनर्विचार आवेदन का जल्द निराकरण करने का आदेश दिया है।गौरतलब है कि मध्यप्रदेश ट्रेड एंड इंवेस्टिव फैसिलिटेशन कार्पोरेशन के साथ और भी कई कंपनी द्वारा एमओयू साइन किए गए थे । कंपनी द्वारा एमओयू तो साइन कर दिए जाते हैं किेतु उनका काम कच्छप गति से चलता है जिससे इसका वह लाभ नहीं मिल पाता जिस उद्देश्य से यह योजना लागू की जाती है ।
Created On :   29 Jun 2019 1:41 PM IST